Home उत्तर प्रदेश यूपीः मरीज माफियाओं के खिलाफ छापेमारी तेज, कचहरी में पुलिस का पहरा

यूपीः मरीज माफियाओं के खिलाफ छापेमारी तेज, कचहरी में पुलिस का पहरा

गोरखपुरः अस्पताल और एंबुलेंस माफिया (mafia) पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने छापेमारी तेज कर दी है। गुलरिहा, चिलुआताल, गगहा के साथ ही शहर के संभावित ठिकानों पर छापेमारी तेज कर दी गई है। पिछले दो दिनों से छापेमारी चल रही है। पुलिस ने मरीज माफिया के कई मददगारों को चिन्हित कर लिया है और उन पर निगरानी भी रख रही है।

पुलिस ने कोर्ट में बढ़ा दी चौकसी

मरीज माफियाओं में बढ़ी बेचैनी को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने कोर्ट में भी चौकसी बढ़ा दी है। हालात ऐसे हैं कि कोर्ट में पुलिस का पहरा तैनात कर दिया गया है। पुलिस का शिकंजा कसते ही एक एंबुलेंस माफिया ने तीन दिन पहले कोर्ट में सरेंडर करने की अर्जी दी थी, जिसके बाद कोर्ट में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

दहशत में हैं मरीज mafia

पुलिसिया कार्रवाई के डर से मरीज माफियाओं में भय व्याप्त है। स्थिति यह है कि झुंगिया निवासी निगम 16 फरवरी की रात से ही फरार है। उसने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया है। एंबुलेंस भी हटा दी है। इधर, ईशू अस्पताल के संचालक व रियांव गांव के मुखिया की पत्नी रेनू, एंबुलेंस चालक अजीत व अजय भी पुलिस को नहीं मिल रहे हैं।

मामला दर्ज कर लिया गया

ईशु हॉस्पिटल के संचालक और रियांव गांव के प्रधान की पत्नी रेनू, एंबुलेंस चालक अजीत और अजय के खिलाफ जालसाजी और रंगदारी मांगने के आरोप में रामगढ़ताल थाने में केस दर्ज किया गया है। मनोज निगम के खिलाफ चिलुआताल थाने में केस दर्ज है।

मनोज की तलाश कर रही पुलिस

पुलिस मरीज माफिया मनोज की तलाश में लगातार प्रयास कर रही है, बावजूद इसके मनोज पुलिस की पकड़ से बाहर है। हालात ऐसे हैं कि पुलिस को अलग से टीम बनानी पड़ी है। जिन सिपाहियों ने मनोज को पहचाना, उन्हें सादे कपड़ों में ड्यूटी पर लगाया जा रहा है। इतना ही नहीं, सोमवार को रामगढ़ताल पुलिस ने मनोज को भगोड़ा घोषित करने के लिए कोर्ट में अर्जी भी दाखिल कर दी।

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डीएम के निर्देश पर कार्यवाही शुरू हुई

16 फरवरी को डीएम ने मरीज माफिया को पकड़ने के निर्देश दिए थे। इसके बाद सीएमओ और सिटी मजिस्ट्रेट ने पुलिस बल के साथ पैडलेगंज स्थित ईशू हॉस्पिटल पर छापा मारा। भर्ती मरीजों से पूछताछ और जांच के दौरान बीआरडी मेडिकल कॉलेज में फैले मरीज और एंबुलेंस माफिया गिरोह के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस की कार्रवाई तेज कर दी गयी और अस्पताल को सील कर दिया गया। इसके बाद एडिशनल सीएमओ ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने ईशू हॉस्पिटल के संचालक, रियांव ग्राम प्रधान नितिन यादव, उनके भाई, हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन कराने वाले डॉ. आरपी सिंह, बीआरडी के ट्रॉली मैन, एंबुलेंस माफिया दीपक उर्फ दीपू समेत आठ आरोपियों को जेल भेजा था।

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