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ओबीसी के नाम से घड़ियाली आंसू बहा रहे राहुल गांधी, BJP ने किया कल्याण: गिरिराज सिंह

बेगूसराय: केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि कांग्रेस, लालू यादव और नीतीश कुमार सभी ओबीसी विरोधी हैं। जब भी भाजपा की सरकार आई, उसने आरक्षण दिया। कांग्रेस ने काका कालेकर के कमीशन को अस्वीकार कर दिया। जब अटल-आडवाणी सत्ता में आए तो मंडल कमीशन का गठन हुआ।

रविवार को बेगुसराय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिरिराज सिंह ने कहा कि इंदिरा गांधी ने दस साल तक मंडल कमीशन की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की। आज राहुल गांधी पूछ रहे हैं कि केंद्रीय स्तर पर केवल तीन ओबीसी सचिव क्यों हैं? अगर उनकी दादी इंदिरा गांधी ने कानून लागू किया होता तो आज ओबीसी वर्ग से 30 सचिव होते। राहुल गांधी को बताना चाहिए कि वह सही बोल रहे हैं या मनमोहन सिंह ने जो कहा था वह सही था। प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। आज राहुल गांधी ओबीसी-ओबीसी चिल्लाकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। राजस्थान कह रहा है कि वह बिहार की तर्ज पर जातीय जनगणना कराएगा। राजनीतिक लाभ लेने के लिए यह खेल खेला जा रहा है। झारखंड में कांग्रेस से चार और राजद से एक मंत्री हैं, पंचायती राज में ओबीसी के लिए कोई आरक्षण नहीं है।

वीपी सिंह सरकार ने OBC को दिया 27 फीसदी आरक्षण 

आज कुछ लोग ओबीसी का मुखौटा पहनकर गरीबों को धोखा दे रहे हैं। जबकि नरेंद्र मोदी की सरकार में 35 फीसदी ओबीसी मंत्री हैं। मुझे आईना दिखाने के बजाय राहुल गांधी या किसी और को खुद देखना चाहिए कि मोदी सरकार में 27 मंत्री ओबीसी से हैं। लालू यादव, नीतीश कुमार और कांग्रेस को बताना चाहिए कि अगर झारखंड में आरक्षण नहीं दिया गया तो वे आज क्यों चिल्ला रहे हैं। मुसलमानों को ओबीसी का हक क्यों दे रहे हैं, ये नहीं चलेगा। 1989 में जब अटल-आडवाणी के समर्थन से वीपी सिंह की सरकार बनी तो बीजेपी ने ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिया। हम जाति सर्वेक्षण के समर्थक हैं, लेकिन किसी बकवास के नहीं। नरेंद्र मोदी ने बिहार में 12 फीसदी ओबीसी का उत्थान किया और उनका कल्याण किया। नरेंद्र मोदी ने देश के 13.5 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया। मोदी सरकार का लक्ष्य गरीबों का उत्थान करना है, नौटंकी करना नहीं।

राहुल को अपने वंशजों पर डालनी चाहिए नजर-गिरिराज सिंह

आगे कहा कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं है तो मुसलमानों को जातियों में बांटकर ओबीसी को लाभ देने वाले धर्म के आधार पर संविधान की धज्जियां क्यों उड़ा रहे हैं? राजीव गांधी ने सदन में ओबीसी का विरोध किया था। कुछ भी कहने से पहले राहुल गांधी को अपने वंशजों पर नजर डालनी चाहिए। कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया। जब मोदी प्रधानमंत्री बने तो उन्हें संवैधानिक दर्जा दिया गया। नवोदय से लेकर आईआईटी तक चार लाख ओबीसी बच्चों को शिक्षा में आरक्षण का लाभ मिला।

लालू यादव और नीतीश कुमार ओबीसी विरोधी कांग्रेस की गोद में खेल रहे हैं। नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई सभी योजनाओं में ओबीसी को लाभ मिला। जनधन योजना हो या उज्ज्वला, स्वनिधि योजना, करेंसी हो या नल का जल, हर चीज को ओबीसी से जोड़ा गया। आज 13 हजार करोड़ रुपये से विश्वकर्मा योजना शुरू की गई। उसमें भी सबसे ज्यादा फायदा ओबीसी को मिला। ओबीसी आरक्षण की आड़ में मुसलमानों को शामिल करना हिंदू ओबीसी के अधिकारों को मारना है।

उन्होंने कहा कि बिहार समेत कई राज्यों की धर्मनिरपेक्ष सरकारों ने मुसलमानों को धर्म के आधार पर आरक्षण दिया। हिंदू ओबीसी पर कब्ज़ा कर लिया। इसके लिए लालू यादव समेत सभी को माफी मांगनी चाहिए। आज बिहार में जातिगत सर्वे हुआ, उसमें भी हमारे सुशील मोदी ने बढ़-चढ़कर काम किया। आखिर लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे लालू यादव और रावड़ी देवी ने जातिगत सर्वे क्यों नहीं कराया। कर्नाटक में कांग्रेस की सिद्धारमैया की सरकार ने जाति सर्वेक्षण नहीं कराया और आज उसे राजनीतिक फायदे के लिए याद किया गया। राहुल गांधी सचमुच आज के रावण हैं जो जब भी विदेश जाते हैं तो भारत और लोकतंत्र को गाली देते हैं। देश में रहकर वे क्या कहते हैं, यह उन्हें खुद भी नहीं मालूम। जब-जब कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी को गाली दी है, देश की जनता ने उनका और भी ज्यादा समर्थन किया है।

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