Parliament Session, नई दिल्लीः 18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार को शुरू हुआ। मंगलवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और समाजवादी पार्टी के मुखिया व पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) ने मंगलवार शाम को लोकसभा में सांसद के तौर पर शपथ ली। खास बात ये रही कि दोनों नेताओं के हाथ में संविधान की किताब (Constitution Book) थी।
इस दौरान कांग्रेस सांसदों ने राहुल गांधी के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। साथ ही ‘भारत जोड़ो’ के भी नारे लगाए। राहुल ने अंग्रेजी में शपथ ली और संविधान की प्रति भी लहराई। शपथ लेने के बाद राहुल गांधी ने ‘जय हिंद, जय संविधान’ के नारों के साथ अंत किया। जब राहुल गांधी शपथ ले रहे थे तो कांग्रेस सांसदों ने मेज थपथपाकर उनका स्वागत किया।
राहुल गांधी के बाद अमेठी से सांसद चुने गए कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा ने लोकसभा में सांसद के तौर पर शपथ ली। इसके अलावा सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी लोकसभा सदस्य के तौर पर शपथ ली। राहुल और किशोरी लाल शर्मा के शपथ लेने पर खुशी जताते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी हुई, राहुल को शपथ लेते देखकर अच्छा लगा। किशोरी लाल शर्मा और इमरान ने भी शपथ ली। यह देखकर मुझे खुशी हुई।
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कांग्रेस सांसदों ने हाथ में संविधान लेकर ली शपथ
इससे पहले सोमवार को भी कांग्रेस के कई सांसदों ने हाथ में संविधान की प्रति (Constitution Book) लेकर लोकसभा में संसद सदस्यता की शपथ ली थी। अंबाला से कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी ने हाथ में संविधान की प्रति लेकर शपथ ली। रकीबुल हुसैन जो कि असम की धुबरी से चुने गए हैं, उन्होंने भी लोकसभा सदस्य की शपथ लेते समय हाथ में संविधान की प्रति रखी। दरअसल इस बार राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली और केरल की वायनाड सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था। वह दोनों ही सीटों से चुनाव जीते हैं। हालांकि राहुल गांधी ने वायनाड सीट छोड़ दी है।
Congress MP Rahul Gandhi takes oath as a member of the 18th Lok Sabha. pic.twitter.com/Ai21ojJDCO
— ANI (@ANI) June 25, 2024
लोकसभा स्पीकर को लेकर टकराव जारी
गौरतलब है कि 18वीं लोकसभा का पहला सत्र (Parliament Session) है। पहले ही सत्र में सरकार व विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति भी बनी हुई है। अध्यक्ष पद को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच यह दूरियां स्पष्ट हो गई हैं। विपक्ष का कहना है कि वह लोकसभा अध्यक्ष पद पर सरकार का समर्थन करने को तैयार थे, लेकिन सरकार बदले में उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दे। ऐसा न होने पर अब विपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इसके लिए कांग्रेस सांसद के. सुरेश को उम्मीदवार बनाया गया है।
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राहुल गांधी के मुताबिक विपक्ष, लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सत्ता पक्ष का समर्थन करने को राजी था। उन्होंने कहा कि हमने सभी लोगों से बात की। पूरे विपक्ष ने कहा कि हम लोकसभा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को समर्थन करेंगे, लेकिन शर्त यह है कि उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलना चाहिए। यह परंपरा रही है और पहले की सरकारों में ऐसा हुआ है।