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Rahul Dravid Birthday: पहले टीम इंडिया की दीवार और अब पालनहार, IPL में ऐसा था टेस्ट स्पेशलिस्ट द्रविड़ का रिकॉर्ड

नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट की दीवार के नाम से मशहूर टीम हेड कोच राहुल द्रविड़ मंगलवार को (11 जनवरी 2022) अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं। टीम इंडिया राहुल द्रविड़ को इस जन्मदिन पर टेस्ट सीरीज जीतकर शानदार तोहफा देना चाहेगी, क्योंकि अगर केप टाउन में टीम इंडिया जीतती है तो ये इतिहास में पहली बार होगा जब साउथ अफ्रीका में भारत कोई टेस्ट सीरीज जीतेगी। राहुल द्रविड़ भले ही आज क्रिकेट के मैदान पर बल्लेबाज के तौर पर सक्रिय न हो लेकिन एक गुरु के रुप में भारतीय क्रिकेट टीम को नई दिशा दिखा रहे हैं।

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ट्रविड़ ने 1996 में गांगुली के साथ किया था डेब्यू

क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में भारत के दो युवा खिलाड़ियों ने 1996 में डेब्यू किया था। इनमें से एक खिलाड़ी जहां डेब्यू मैच में शतक ठोकने में कामयाब रहा तो वहीं दूसरा खिलाड़ी सैकड़े से 5 रन दूर रह गया। शतक जमाने वाले खिलाड़ी का नाम था सौरव गांगुली और जो शतक से सिर्फ चंद कदम दूर रह गया वो थे राहुल द्रविड़ जो आगे चलकर बने भारतीय क्रिकेट टीम की सबसे मजबूत दीवार।

द वॉल' के नाम मशहूर राहुल द्रविड़ का आज 49 साल के हो गए हैं। द्रविड़ का जन्म भले ही इंदौर में आज ही के दिन मराठी ब्राह्मण परिवार में साल 1973 मे हुआ था लेकिन उन्होंने क्रिकेट गुर बैंगलोर में सीखे। दरअसल, राहुल के पैदा होने के कुछ समय बाद ही उनका परिवार बेंगलुरु में शिफ्ट हो गया था। उनकी स्कूलिंग सेंट जोसेफ ब्वॉयज हाई स्कूल से हुई और यहीं से उन्होंने क्रिकेट के शुरुआती गुर सीखने शुरू कर दिए।

ट्रविड़ ने 12 साल की उम्र क्रिकेट खेलना शुरू किया

राहुल द्रविड़ ने 12 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया। वह कर्नाटक के लिए अंडर 15 क्रिकेट टीम में खेले। इसके बाद अंडर 17 और अंडर 19 टीम में राहुल द्रविड़ शामिल रहे। राहुल द्रविड़ को पहली बार पूर्व क्रिकेटर केकी तारापोरे ने नोटिस किया। चिन्नास्वामी स्टेडियम में राहुल द्रविड़ ने विकेट कीपर बल्लेबाज के तौर पर खेला, उनकी प्रतिभा देखकर पूर्व क्रिकेटर काफी खुश हुए थे। टीम इंडिया की दीवार के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ की गिनती दुनिया के उन चुनिंदा दिग्गज बल्लेबाजों में होती है जिन्होंने हर भूमिका में खुद को साबित किया। फिर चाहे लगातार गिरते विकटों के बीच दूसरे छोर को संभाले रखना हो या फिर टेस्ट मैच बचाने के लिए पूरे दिन क्रीज पर टिकना।

राहुल ने जरुरत पड़ने पर टीम इंडिया के लिए सलामी बल्लेबाज की अहम भूमिका भी निभाई। यही नहीं, जब टीम इंडिया सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही थी तब द्रविड़ ने टीम की कमान भी संभाली। बल्लेबाज के अलावा द्रविड़ कई मौकों पर विकेटकीपर की भूमिका में भी नजर आए और रिटायरमेंट के तुंरत बाद आराम करने की बजाय जूनियर लेवल पर क्रिकेटरों की तराशने में जुट गए। इसके अलावा 'मिस्टर भरोसेमेंद' के नाम से मशहूर द्रविड़ ने भारत की ए टीम और अंडर-19 टीम को कोंचिंग भी दी और बतौर कोच अंडर-19 वर्ल्ड कप समेत कई बड़े खिताब जिताने में अहम योगदान दिया।

राहुल ट्रविड़ का करियर

द्रविड़ के करियर की बात करें तो उन्होंने अपने 16 साल के करियर में 164 टेस्ट मैच खेलते हुए 52.31 की औसत से स्कोरबोर्ड पर 13,288 रन लगाए जिसमें 36 शतक और 60 अर्धशतक शामिल रहे। टेस्ट के अलावा द्रविड़ ने वनडे में भी अपना लोहा मनवाया और 344 मैचों में 12 शतक और 83 अर्धशतक की मदद से 10889 रन अपने नाम किए। राहुल द्रविड़ भले ही आज क्रिकेट के मैदान पर बल्लेबाज के तौर पर सक्रिय न हो लेकिन एक गुरु के रुप में भारतीय क्रिकेट टीम को नई दिशा दिखा रहे हैं।

राहुल ट्रविड का आईपीएल करियर

राहुल द्रविड़ आईपीएल के ओपनिंग सीजन में अपने घरेलू राज्य कर्नाटक की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के कप्तान थे। 2008, 2009 और 2010 में आरसीबी की ओर से दम दिखाया। बाद में राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए टीम को 2013 में चैंपियंस लीग टी-20 के फाइनल में भी पहुंचाया। बाद में इसी साल टी-20 क्रिकेट को भी अलविदा कह दिया। राहुल द्रविड़ ने अपने आईपीएल करियर में कुल 89 मैच खेले। अपने करियर में राहुल केवल पांच बार ही नॉटआउट रहे। इस दौरान कुल 2174 रन बनाए। द्रविड़ का IPL में औसत 28.23 था। अपने आईपीएल करियर में द्रविड़ का सर्वोच्च स्कोर 75 रन था। पूरे आईपीएल में उनका स्ट्राइक रेट 115.52 था। इस दौरान 11 अर्धशतक जमाए। उनके बल्ले से एक भी शतक नहीं निकला। द्रविड़ ने आईपीएल में 268 चौके 28 छक्के मारे हैं।

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