punjab Election: कोरोना प्रोटोकॉल पर चुनाव आयोग ने खर्च किए 40 करोड़ रुपये

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चंडीगढ़ः पंजाब में विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाता कोरोना गाइडलाइन का पालन कर सकें, इसके लिए चुनाव आयोग ने 40 करोड़ रुपये खर्च किए। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीमों ने राज्य के सभी 117 विधानसभा क्षेत्रों से 28 टन कोविड वेस्ट एकत्र किया। पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस करुणा राजू के अनुसार पंजाब में 20 फरवरी हुए मतदान के दौरान पहली बार मतदान केंद्रों पर कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए व्यापक योजना बनाई गई थी।

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बता दें कि पंजाब में 117 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 24 हजार 740 पोलिंग स्टेशन बनाए गए। कोविड के मद्देनजर विशेष बजट का प्रावधान किया गया। सभी मतदान केंद्रों पर आशा वर्करों व आंगनबाड़ी वर्करों की तैनाती की गई। पैरा मेडिकल स्टाफ की भी तैनाती की गई। इन सबको चार सौ से पांच सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से अदा किए गए । उन्होंने बताया कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर मास्क, दस्ताना, पीपीई किट, साबुन, थर्मामीटर और सेनेटाइजर उपलब्ध करवाए गए। मतदाता को मतदान करने के लिए ग्लब्स मुहैया करवाए गए। वापसी पर ग्लब्स को बायोमेडिकल वेस्ट में डाला गया। बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण का जिम्मा पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को सौंपा गया। करीब 28 टन कोविड वेस्ट को डिस्पोज ऑफ किया गया है। मतगणना के दौरान भी कोविड गाइडलाइन का पालन किया जाएगा।

प्रत्येक पंजाबी के ऊपर 1 लाख रुपये का कर्ज

वहीं पंजाब विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने के बाद राज्य में नई सरकार का गठन होते ही उसके सामने कई चुनौतियां होंगी। सबसे बड़ा और पहला चैलेंज राज्य सरकार को 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के वित्तीय संकट से उबारना होगा। चुनावी वादों और मुफ्त उपहारों के वादों को पूरा करने, राज्य को कर्ज से उबारने के लिए राजस्व संसाधन पैदा करने होंगे। दरअसल 2022 में पंजाब की आबादी तीन करोड़ होने का अनुमान है। राज्य पर 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है, यह दर्शाता है कि प्रत्येक पंजाबी के ऊपर 1 लाख रुपये का कर्ज है। 2003 तक देश में कृषि प्रधान राज्य की प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक थी, लेकिन नीति आयोग की आर्थिक और सामाजिक संकेतकों की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब की प्रति व्यक्ति आय घटकर 1,15,882 रुपये रह गई, जो राष्ट्रीय औसत 1,16,067 रुपये से कम है।

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