चंडीगढ़ः मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में केंद्र के चंडीगढ़ में सेंटर सर्विस रूल लागू किए जाने के खिलाफ प्रस्ताव रखा । इस पर कांग्रेस विधायकों ने टीका टिप्पणी शुरू कर दी। यह देखकर वित्त मंत्री हरपाल चीमा भड़क गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी बताएं कि उनका नेता कौन है। इस पर कांग्रेस सदस्य खड़े हो गए और बहस शुरू हो गई। मुख्यमंत्री ने बीच-बचाव करके स्थिति संभाली।
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स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने प्रस्ताव पर चर्चा शुरू कराई। निर्दलीय सदस्य राणा इंद्र प्रताप सिंह (सुलतानपुर लोधी) ने भी इस चर्चा में हिस्सा लिया। मगर उन्होंने दूसरे मुद्दे पर बोलना शुरू कर दिया। इस पर स्पीकर ने कई बार आपत्ति की। चेताने के बावजूद मूल मुद्दे पर न बोलने पर राणा के स्थान पर संदीप जाखड़ का नाम पुकारा।
इसके बाद जब मुख्यमंत्री भगवंत मान जब खड़े हुए तो कांग्रेस सदस्य राणा गुरजीत सिंह अपने बेटे निर्दलीय सदस्य राणा इंद्र प्रताप सिंह के बचाव में आ गए। इस पर राणा गुरजीत और मुख्यमंत्री के बीच तीखी बहस हुई। मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा कि निर्दलीय विधायक जनता की नहीं बल्कि अपनी चीनी मिलों की बात सदन में उठा रहे हैं।
वहीं चंडीगढ़ में सेंटर सर्विस रूल लागू करने पर हुई बहस के दौरान भाजपा ने विधानसभा से वाकआउट किया। जबकि कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और बसपा ने इसका समर्थन किया है। निर्दलीय विधायक राणा इंद्रप्रताप द्वारा हंगामा किए जाने पर उन्हें विशेष सत्र से नेम कर दिया गया। बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने बीती 27 मार्च को चंडीगढ़ दौरे के दौरान चंडीगढ़ में केंद्र के सर्विस रूल लागू करने का ऐलान किया था। चंडीगढ़ में इससे पहले पंजाब के सर्विस रूल लागू होते थे। पंजाब में भाजपा को छोडक़र सभी राजनीतिक दल इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। शुक्रवार से जहां चंडीगढ़ में केंद्र के रूल लागू हो गए, वहीं पंजाब की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस मुद्दे पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया।
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