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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आर्टिकल 370 वापसी का प्रस्ताव पारित, भाजपा विधायकों ने काटा बवाल

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Article 370: जम्मू-कश्मीर विधानसभा (Jammu Kashmir Assembly) में आर्टिकल 370 को खत्म करने का प्रस्ताव पास हो गया है। इस दौरान विधानसभा में नेशनल कॉन्फ्रेंस (सत्ता पक्ष) और बीजेपी (विपक्ष) के विधायकों के बीच जमकर हंगामा हुआ। बीजेपी विधायकों ने आर्टिकल 370 के प्रस्ताव की कॉपी विधानसभा में ही फाड़ दी।

Article 370: भापजा विधायकों ने काटा बवाल

विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही बुधवार को जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पेश किया। साथ ही इसके लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों से बातचीत का आह्वान किया गया। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने और अनुच्छेद 370 को ‘एकतरफा हटाने’ की मांग वाला प्रस्ताव विधानसभा में पारित होने के बाद भाजपा विधायक सदन के वेल में आ गए और ‘पाकिस्तानी एजेंडा नहीं चलेगा’ के नारे लगाने लगे। भाजपा सदस्यों ने जहां इसका कड़ा विरोध किया वहीं तो एनसी सरकार को समर्थन देने वाले कांग्रेस सदस्य इस पर चुप रहे।

भाजपा नेताओं ने लगाएं गंभीर आरोप

भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि स्पीकर ने कहा कि वह किसी राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व नहीं करते, फिर भी वह सत्ताधारी पार्टी का पक्ष ले रहे हैं, जबकि वह नेशनल कॉन्फ्रेंस का पक्ष ले रहे हैं। भाजपा नेता शाम लाल शर्मा सदन के वेल में टेबल पर चढ़ गए और कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावनाओं से खेलने की नेशनल कॉन्फ्रेंस की 1947 से यही चाल चली आ रही है।

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उन्होंने कहा कि शेख अब्दुल्ला से लेकर उमर अब्दुल्ला तक जम्मू-कश्मीर को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करना आम बात रही है। स्पीकर को स्वतंत्र होना चाहिए और किसी भी पार्टी का पक्ष नहीं लेना चाहिए। इस दौरान भाजपा विधायकों ने नारे लगाए ‘जहां हुआ बलिदान मुखर्जी, वह कश्मीर हमारा है, देश की आजादी का एजेंडा नहीं चलेगा’।

केंद्र सरकार ने 2019 में Article 370 हटाने का किया था फैसला

उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। 11 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने केंद्र के फैसले को बरकरार रखा। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने और अनुच्छेद 370 को बहाल करने का वादा किया था।

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