चित्रकूटः कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को उत्तर प्रदेश में मंदाकिनी नदी के किनारे रामघाट पर करीब 5,000 महिलाओं के समूह से बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनीं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं, वकीलों और स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों सहित महिलाओं ने घर और काम पर अपनी समस्याओं के बारे में बात की और पार्टी द्वारा महिलाओं के लिए घोषित आरक्षण की सराहना की।
LIVE: #LadkiHoonLadSaktiHoon dialogue, Chitrakoot.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 17, 2021
लड़की हूं लड़ सकती हूं संवाद, चित्रकूट
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प्रियंका गांधी ने एक कविता के माध्यम से महिलाओं की शक्ति जगाने का प्रयास किया। वह बोलीं- सुनो द्रौपदी शस्त्र उठा लो अब गोविंद न आएंगे, कब तक आस लगाओगी तुम बिके हुए लोगों से, कैसी रक्षा मांग रही हो दुःशासन के दरबारों से। प्रियंका गांधी ने उन्हें आश्वासन दिया कि पार्टी उनके साथ खड़ी रहेगी और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव मदद करेगी। ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ के नारे पर केंद्रित इस कार्यक्रम में समाज के सभी तबकों की महिलाएं- (मुख्य रूप से निम्न-आय वर्ग की महिलाएं) महिला सशक्तिकरण के लिए कांग्रेस नेता के कार्यक्रमों में पहुंची।
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प्रियंका गांधी ने चित्रकूट के प्रसिद्ध मतगजेंद्र शिव मंदिर में भी पूजा-अर्चना की। प्रियंका गांधी के लिए एक नाव पर एक विशेष मंच बनाया गया था, लेकिन कांग्रेस नेता ने बातचीत के दौरान महिलाओं के साथ बैठना पसंद किया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महिलाओं के साथ संवाद के लिए चित्रकूट का चयन एक सावधानी से लिया गया कदम था, क्योंकि जिले का रामघाट क्षेत्र शायद भगवान राम के जीवन के करीब होने वाले एकमात्र अन्य स्थानों में से एक है।
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