लखनऊः उत्तर प्रदेश में जेल के कैदी अब लगभग छह महीने के अंतराल के बाद अपने परिवार के सदस्यों से मिल सकते हैं। महामारी की दूसरी लहर के कारण मुलाकातों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। राज्य के जेल विभाग ने राज्य भर में मुलाकातों की अनुमति दी है। आगंतुकों को कोविड -19 के लिए हाल ही में निगेटिव आरटी-पीसीआर परीक्षण रिपोर्ट लाना आवश्यक होगा। उत्तर प्रदेश की कई जेलों में करीब 300 आगंतुकों ने इस व्यवस्था के साथ कैदियों से मुलाकात की।
जेल विभाग के अनुसार, जेलों में बंद अपने रिश्तेदारों या परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए सोमवार को 600 से अधिक लोग कई जेलों में पहुंचे। हालांकि, केवल निगेटिव रिपोर्ट वालों को ही कैदियों से मिलने की अनुमति दी गई थी। वहीं परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करने के लिए इंटरकॉम का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी। लखनऊ जेल में सर्वाधिक 80 आगंतुकों ने कैदियों से भेंट की। उसके बाद मैनपुरी, मुरादाबाद और आगरा में क्रमशः 50, 40 और 28 आगंतुक कैदियों से मिले।
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जेल विभाग के निर्देशों के अनुसार, एक समय में केवल दो आगंतुकों को कैदी से मिलने की अनुमति है। विभाग ने सप्ताह के दिनों में दोपहर 2 बजे तक आने का समय भी निर्धारित किया है। एक कैदी को सप्ताह में केवल एक बार मिलने की अनुमति होगी। अधिकारियों के मुताबिक, जेलों में बंद कुल 14 लाख कैदियों में से करीब 92,000 कैदियों को टीका लगाया जा चुका है। इनमें से करीब 20,000 कैदियों को दोनों टीकों की खुराक दी जा चुकी है।