Home उत्तर प्रदेश Varanasi News : कैदियों ने किया रामलीला का मंचन, श्री राम के...

Varanasi News : कैदियों ने किया रामलीला का मंचन, श्री राम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का लिया प्रण

varanasi-news

Varanasi News : नवरात्रि और दशहरे के अवसर पर देशभर में रामलीला का आयोजन हो रहा है। इसी क्रम में वाराणसी के केंद्रीय कारागार में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, दरअसल यहां जेल में बंद कुख्यात अपराधियों ने रामचरित मानस का पाठ किया। और श्री राम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का प्रण लिया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने दी जानकारी 

इस रामलीला की तैयारी तीन महीने पहले से शुरू होती है। पात्रों को रामलीला पाठ की शिक्षा दी जाती है, और जब मंचन शुरू होता है, तो ऐसा लगता है कि, यह दृश्य अयोध्या नगरी का है। वहीं वरिष्ठ अधीक्षक राधा कृष्ण मिश्र ने इस रामलीला के बारे में जानकारी देते हुए कहा, “रामलीला तो अक्सर होती है, लेकिन एक अनोखी रामलीला इस बार केंद्रीय जेल में आयोजित की जा रही है। बता दें, यह रामलीला गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि रामायण को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। इसके लिए जेल के चिकित्सक डॉ. अक्षय सिंह ने अलग-अलग पात्रों के संवादों को बड़ी मेहनत से तैयार किया है। इसकी तैयारी लगभग डेढ़ से दो महीने पहले शुरू होती है ताकि मंचन के समय यह प्रभावी और आकर्षक हो सके।”

इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन का उद्देश्य है कि, इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए बंदियों का चारित्रिक उत्थान, आध्यात्मिक और तकनीकी विकास किया जाए। साथ ही जेल में तकनीकी कौशल पर भी ध्यान दिया जाता है। यहां पर विभिन्न एनजीओ के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं। इस रामलीला में सभी भूमिकाएं बंदियों द्वारा ही निभाई जाती हैं, और इसके लिए उन्हें समय दिया जाता है।

ये भी पढ़ें: राजभवन 5100 कन्याओं का पूजन, राज्यपाल ने कहा- कन्याओं की उपस्थिति से राजभवन हुआ पवित्र

Varanasi News : जेल में 10 दिनों तक रहा भक्ति का माहौल        

वहीं इस दौरान उन्होंने कहा कि, पिछले साल जब मैं आया था, तब मैंने देखा था कि, बंदियों की संवाद शैली और मंचन की तैयारी बहुत प्रभावी थी। इससे उन्हें अपनी महत्ता समझने का मौका मिलता है और उनका मानसिक, शारीरिक और चारित्रिक विकास होता है। जेल में लगभग नौ से दस दिन तक भक्ति का माहौल रहता है। उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि बंदियों में आध्यात्मिक और नैतिक मूल्य विकसित हों। जिन बंदियों ने इस रामलीला में भूमिका निभाई है, वे अधिकतर गंभीर धाराओं में हैं, जैसे हत्या के मामले (धारा 302), और यहां लंबी सजा काट रहे हैं। अंडर ट्रायल बंदी यहां बहुत कम हैं।”

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें) 

Exit mobile version