चुनाव खत्म होते ही बढ़े पेट्रोल-डीजल के भाव, राजस्थान में 100 के पार हुआ पेट्रोल

नई दिल्ली: सियासी गहमागहमी खत्म होते ही देश की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने आज पेट्रोल और डीजल की दाम में एक बार फिर बढ़ोतरी कर दी। पेट्रोल की कीमत में प्रति लीटर 15 पैसे और डीजल की कीमत में प्रति लीटर 18 पैसे की बढ़ोतरी की गई है।

इस बढ़ोतरी के बाद राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 90.55 रुपये प्रति लीटर और डीजल 80.91 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है। इस बढ़ोतरी के बाद राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल की कीमत देश भर में सबसे ज्यादा 101 रुपये.43 पैसे प्रति लीटर हो गई है। पेट्रोल और डीजल की कीमत में 18 दिन बाद कोई बदलाव किया गया है। इसके पहले 15 अप्रैल को पेट्रोल और डीजल में आखिरी बार कटौती की गई थी।

आपको बता दें कि डीजल और पेट्रोल की कीमत में ये बढ़ोतरी 2 महीने बाद हुई है। इसके पहले 27 फरवरी को पेट्रोल 24 पैसे प्रति लीटर और डीजल 17 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ था। मार्च और अप्रैल के महीने में पेट्रोल डीजल के भाव या तो स्थिर रहे हैं या उन में कटौती की गई। मार्च के महीने में तीन बार पेट्रोल और डीजल की कीमत में कटौती की गई थी। पहले 24 मार्च को पेट्रोल की कीमत में 18 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 17 पैसे प्रति लीटर की कमी की गई। इसके 1 हफ्ते बाद 25 मार्च को पेट्रोल को 21 पैसे प्रति लीटर और डीजल को 20 पैसे प्रति लीटर सस्ता किया गया। इसी तरह 30 मार्च को पेट्रोल के भाव में 22 पैसे प्रति लीटर और डीजल के भाव में 23 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई। अप्रैल के महीने में एक बार 15 अप्रैल को दाम में कमी की गई थी।

इस साल अगर पेट्रोल- डीजल की कीमत में बदलाव का रुख देखें, तो जनवरी के महीने में पेट्रोल और डीजल की कीमत में 10 बार बढ़ोतरी की गई। वहीं फरवरी में पेट्रोल और डीजल की कीमत 16 बार बढ़ाई गई। मार्च-अप्रैल में दाम नहीं बढ़े और अब मई में पहली बार कीमत में बढ़ोतरी की गई है।

1 जनवरी को पेट्रोल 83.97 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा था। जबकि आज की बढ़ोतरी के बाद अब इसकी कीमत 90.55 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इसी तरह 1 जनवरी को डीजल 74.12 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा था, जो आज की बढ़ोतरी के बाद 80.91 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इस तरह 2021 में अभी तक पेट्रोल की कीमत में 6.58 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 6.79 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो चुकी है।

जानकारों का मानना है कि पिछले 2 महीने से चल रही सियासी गतिविधि के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल (कच्चा तेल) का दाम बढ़ने के बावजूद ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी नहीं की थी। फरवरी में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 61 डॉलर प्रति बैरल की कीमत पर बिक रहा कच्चा तेल अभी 68 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया है।

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लंबे समय से पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी नहीं करने के कारण ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर संचित नुकसान का काफी दबाव बन गया है। ऐसे में अगर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में कमी नहीं होती है, तो ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को अपने इस संचित नुकसान को पाटने के लिए जल्दी ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में प्रति लीटर दो से तीन रुपये तक की बढ़ोतरी करनी होगी।