नई दिल्लीः राष्ट्रपति पद के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार झारखंड की पूर्व राज्यपाल और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा कई केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और राजग के घटक दलों के वरिष्ठ नेता और सांसद उपस्थित रहे।
राष्ट्रपति चुनाव में भारत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार से समर्थन मांगा है। सूत्रों के मुताबिक, मुर्मू ने सोनिया, ममता और पवार को फोन कर उनकी पार्टी का समर्थन मांगा है। उन्होंने तीनों नेताओं के फोन कर राष्ट्रपति चुनाव में देने का आग्रह किया। बता दें कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और एनसीपी समेत विभिन्न दलों ने विपक्ष की ओर से साझा उम्मीदवार उतारा है। विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति चुनाव में अपना प्रत्याशी घोषित किया है।
उधर आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद मामला दिलचस्प हो गया है। वहीं झारखंड से सांसद रह चुके विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के चलते झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए असमंजस वाली स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पार्टी के सांसदों और विधायकों की कल बैठक बुलाई है। यह बैठक पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन की अध्यक्षता में होगी। इस बैठक में तय किया जाएगा कि झामुमो किसको अपना समर्थन देगी।
उल्लेखनीय है कि द्रौपदी मुर्मू का चुनाव जीतना महज औपचारिकता भर रह गया है। अगर वो चुनाव जीतती हैं तो देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति और इस पद को सुशोभित करने वाली दूसरी महिला होंगी। राष्ट्रपति पद के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा। वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों की ओर से संयुक्त उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा हैं। राष्ट्रपति चुनाव में संख्या बल के आधार पर भाजपा नीत राजग मजबूत स्थिति में है।
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