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राष्ट्रपति मुर्मू ने लॉन्च किया घातक जंगी जहाज INS ‘विंध्यगिरी’, जानें किन खूबियों से लैस

INS Vindhyagiri

INS Vindhyagiri: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय नौसेना के लिए एक नया, आधुनिक और घातक युद्धपोत ‘विंध्यगिरि’ लॉन्च किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को रिमोट बटन दबाकर प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स के छठे जहाज विंध्यगिरि को समुद्र में लॉन्च किया। इस परियोजना के जहाजों को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा इन-हाउस डिजाइन किया गया है। जहाज का नाम कर्नाटक की पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है, जिस पर ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात की जा सकती है।

‘विंध्यगिरि’ राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा कोलकाता में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) में लॉन्च किए गए प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स का छठा जहाज है। रिमोट से बटन दबाते ही जहाज डेक से फिसलने लगा और देखते ही देखते युद्धपोत समुद्र के पानी में उतर गया. इस ऐतिहासिक क्षण के दौरान ‘भारत माता की जय’ का उद्घोष हुआ। समारोह में बोलते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत को जहाज निर्माण की क्षमता प्रदान करने में भारतीय उद्योगों ने बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने समय पर जहाज का निर्माण करने के लिए नौसेना और जीआरएसई कर्मियों को धन्यवाद दिया।

जानें क्या है INS Vindhyagiri की खासियत

नौसेना प्रमुख आर.हरि कुमार ने बताया कि इस युद्धपोत में बेहतर स्टील्थ फीचर्स, उन्नत हथियार और सेंसर और प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणाली है। एक तरह से तकनीकी रूप से उन्नत यह युद्धपोत पुराने एएसडब्ल्यू युद्धपोत आईएनएस विंध्यगिरि को श्रद्धांजलि है। 08 जुलाई 1981 को नौसेना में शामिल किए गए पुराने जहाज आईएनएस विंध्यगिरि ने 11 जून 2012 तक विभिन्न चुनौतीपूर्ण अभियानों और बहुराष्ट्रीय अभ्यासों के दौरान लगभग 31 वर्षों तक सेवा दी। नवनिर्मित ‘विंध्यगिरि’ अब स्वदेशी के साथ अपनी समृद्ध नौसैनिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है।

क्लास और प्रकार: नीलगिरि क्लास गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट
जहाज की लंबाई: 149 मीटर (488 फीट 10 इंच)
जहाज़ का बीम: 17.8 मीटर (58 फीट 5 इंच)
ड्राफ्ट: 5.22 मीटर (17 फीट 2 इंच)
गहराई: 9.9 मीटर (32 फीट 6 इंच)
जहाज की गति: 52 किमी प्रति घंटा
विस्थापन: 6,670 टन (6,560 लम्बे टन; 7,350 छोटे टन)
जहाज़ की सीमा: 52 किमी प्रति घंटे की गति से 1900 किमी, 30 से 33 किमी प्रति घंटे की गति से 10,200 किमी

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प्रोजेक्ट 17ए की लागत करीब 25,700 करोड़ रुपये

राष्ट्रपति ने समारोह को संबोधित करते हुए बताया कि प्रोजेक्ट 17ए कार्यक्रम के तहत मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) को चार और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) को तीन जहाज़ों का निर्माण सौंपा गया था। इस परियोजना के पहले पांच जहाज उदयगिरि, दूनागिरि,तारागिरि, हिमगिरि और नीलगिरि लॉन्च किये गये हैं। इन सभी जहाजों के नाम भारत की पर्वत श्रृंखलाओं के नाम पर रखे गए हैं। इस परियोजना को स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट की एक शृंखला का निर्माण करने के लिए लॉन्च किया गया था। प्रोजेक्ट 17ए का कुल मूल्य लगभग 25,700 करोड़ रुपये है।

नौसेना प्रमुख ने कहा कि प्रोजेक्ट 17ए जहाजों को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा इन-हाउस डिजाइन किया गया है, जो सभी युद्धपोत डिजाइन गतिविधियों के लिए अग्रणी संगठन है। ‘आत्मनिर्भरता’ के प्रति देश की दृढ़ प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रोजेक्ट 17ए जहाजों के लिए उपकरण और सिस्टम के 75% ऑर्डर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) सहित स्वदेशी फर्मों से आए हैं।

विंध्यगिरि का प्रक्षेपण एक आत्मनिर्भर नौसैनिक बल के निर्माण में हुई अविश्वसनीय प्रगति का उपयुक्त प्रमाण है। कार्यक्रम में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सीएमडी जीआरएसई कमोडोर पीआर हरि, आईएन (सेवानिवृत्त) उपस्थित थे।

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