Home उत्तर प्रदेश एआरआर और टैरिफ प्रस्ताव दाखिल करने की तैयारी

एआरआर और टैरिफ प्रस्ताव दाखिल करने की तैयारी

लखनऊः राज्य विद्युत नियामक आयोग के वर्ष 2023-24 के वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) व टैरिफ प्रस्ताव दाखिल करने के लिए बिजली कम्पनियों को दो माह का अतिरिक्त समय देने से मना कर दिया है। आयोग के आदेश के बाद अब पावर कॉर्पोरेशन एआरआर व टैरिफ प्रस्ताव को जल्द दाखिल करने की तैयारी में जुट गया है।

मल्टी ईयर टैरिफ फॉर डिस्ट्रीब्यूशन एंड ट्रांसमिशन (यूपीईआरसी) रेगुलेशन 2019 के प्रावधानों के तहत प्रत्येक वर्ष 30 नवम्बर तक अगले वित्तीय वर्ष का एआरआर व टैरिफ प्रस्ताव दाखिल कर दिया जाना चाहिए। हालांकि, बीते 29 नवम्बर को पावर कॉर्पोरेशन ने नियामक आयोग में प्रस्ताव दाखिल करने के लिए दो महीने का अतिरिक्त समय मांगा था। नियामक आयोग ने इसे अस्वीकार कर दिया। अब देर से प्रस्ताव दाखिल करने के लिए बिजली कम्पनियों पर पेनाल्टी भी लगाई जा सकती है, वहीं प्रदेश में बीते तीन साल से बिजली दरें नहीं बढ़ीं हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं की बिजली दरों में इस बार इजाफा हो सकता है।

बिजली कम्पनियों के बढ़ते घाटे को लेकर इस बार दरों में औसतन 15-20 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित करने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, यह सरकार की हरी झंडी मिलने पर ही सम्भव है। दरें बढ़ाने में एक बड़ी अड़चन यह भी है कि बिजली कम्पनियों पर उपभोक्ताओं की 25,133 करोड़ रुपए की देनदारी निकल रही है। इसके अलावा निकाय चुनाव भी है और अगले साल लोकसभा चुनाव भी होना है। इसको देखते हुए सरकार उपभोक्ताओं की नाराजगी का जोखिम उठाना नहीं चाहेगी। ऐसे में बिजली दरों में सीधी वृद्धि की बजाय अन्य विकल्प तलाशे जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री की मंजूरी लेने के बाद ही टैरिफ प्रस्ताव दाखिल किया जाएगा।

कमियों पर जवाब तलब

इस दौरान नियामक आयोग ने ट्रांसमिशन कॉर्पाेरेशन के वर्ष 2023-24 के एआरआर में मिली कमियों पर जवाब तलब किया है। एनपीसीएल ने भी आयोग में 2023-24 का एआरआर दाखिल कर दिया है। ऐसे में जल्द ही इन दोनों कम्पनियों के एआरआर पर कार्यवाही शुरू होगी। इस बीच विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आयोग अध्यक्ष व सदस्य से मुलाकात कर अपनी पुरानी याचिका की मांग को फिर से दोहराया। इसमें कहा गया है कि बिजली कम्पनियों पर उपभोक्ताओं के निकल रहे 25,133 करोड़ रुपए के एवज में वर्ष 2023-24 के टैरिफ आॅर्डर में बिजली दरों में कमी की जाए।

रिपोर्ट- पंकज पाण्डेय

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