Thursday, December 19, 2024
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Dhamtari: राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 10 को, लोगों को जागरूक करेगा प्रचार रथ

धमतरी (Dhamtari): राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 10 फरवरी और मापअप राउंड 15 फरवरी को आयोजित किया जाना है। इसे देखते हुए कलेक्टर नम्रता गांधी के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसके मंडल एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. प्रिया कंवर द्वारा 8 फरवरी को प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इसके माध्यम से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लाउड स्पीकर के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जायेगा।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का उद्देश्य सभी आंगनबाडी केन्द्रों एवं सरकारी विद्यालयों, अनुदान प्राप्त विद्यालयों, केन्द्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों, मदरसों, निजी विद्यालयों में एक वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को प्रोत्साहित करना है। सभी आयु वर्ग के बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण की स्थिति, एनीमिया की रोकथाम, बौद्धिक विकास और स्कूल में उपस्थिति में सुधार किया जा सकता है। जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के बच्चों को मितानिन, आंगनबाडी कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य अमले के सहयोग से कृमि मुक्ति की दवा खिलायी जायेगी। जिले में 1 से 19 वर्ष तक के लक्षित बच्चों की संख्या लगभग 3 लाख 12356 है।

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बच्चों में कुपोषण का मुख्य कारण कृमि

एल्बेंडाजोल 400 मि.ग्रा. एक से दो साल के बच्चों को आधी गोली चम्मच में घोलकर, दो से तीन साल के बच्चों को एक पूरी गोली घोलकर या चबाकर और 19 साल तक के बच्चों को दवा दी गई। एक गोली पूरी चबाकर दी गई। चल जतो। यह दवा कड़वी नहीं है, इसे सेवा प्रदाता अपने सामने देंगे। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. जेपी दीवान ने बच्चों में कृमि संक्रमण के शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताया कि बच्चों में कुपोषण का मुख्य कारण कृमि हैं। शरीर में खून की कमी होने से कमजोरी और थकान महसूस होती है और शरीर का विकास नहीं हो पाता है और मानसिक विकास में भी बाधा आती है। कृमि के कारण होने वाले लक्षणों में दस्त, पेट दर्द, भूख न लगना, कमजोरी और उल्टी शामिल हैं। कृमि संक्रमण से बचाव के लिए एल्बेंडाजोल की एक खुराक दी जाती है।

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