बिजली सप्लाई निर्बाध बनाने के लिए बढ़ाई गई पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता

रायपुर : अवर्षा की स्थिति के चलते राज्य में विद्युत की मांग 4905 मेगावाट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने पर सतत निगरानी और सही समय पर कार्यवाही करने से विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था कारगर रही। कृषि पंप कनेक्शन वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर 66 पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता बढाई गई है, ताकि घरेलु उपभोक्ताओं के साथ किसानों को भी निर्बाध बिजली मिलती रहे।

रायपुर सीएसपीसीएल के वरिष्ठ प्रकाशन अधिकारी गोविन्द पटेल ने चर्चा में बताया कि विद्युत कृषि पंप के लोड को संभालने के लिये केवल बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करना हल नहीं है। बढ़े मांग के अनुरूप पॉवर टांसफार्मर की क्षमता भी उसी अनुरूप होनी चाहिये। प्रदेश में डिमांड 4905 मेगावाट तक पहुंच चुकी है, प्रदेश में बिजली की उपलब्धता भी है किन्तु कुछ विशेष क्षेत्रों कृषि पंपों के कारण लोड अचानक बढ़ जाता है, ऐसे में बिजली उपलब्ध रहने पर भी निर्बाध बिजली आपूर्ति में समस्या आती है। इसका एकमात्र उपाय पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता में वृद्धि करना है। गर्मी से अब तक सिंचाई पंपों के लोड के संतुलन के लिए 66 पॉवर ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढाने का कार्य किया गया। इसके पहले पिछले साल 30 ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाई गई थी। इस बार 66 ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाना अपने आप में ही एक नया रिकॉर्ड बन गया है।

यह भी पढ़ें- पूर्व सीएम बोले- ऑक्सीजन की कमी से हुईं सैंकड़ों मौत, झूठ बोल रही सरकार

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष पहले से ही पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता लोड के अनुरूप करने के लिए कार्य आरंभ कर दिये गए थे जिसका सीधा लाभ खरीफ़ (धान) की फसल के समय भी मिला। रबी फसल के समय 33/11के वी के 25 उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि के कार्य हुए जिसके तहत 20 अतिरिक्त नए पावर टांसफार्मर स्थापित किये गये एवं पांच पावर ट्रांसफॉर्मर को अधिक क्षमता के पॉवर ट्रांसफार्मर से उन्नयन भी किया गया।

खरीफ़ सीजन में भी पॉवर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि को भी प्रथमिकता मिली और कुल 41 उपकेन्द्रों को क्षमता वृद्धि हेतु चयनित किया गया है जिसमे से कुल,22 पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और 12 पावर ट्रांसफॉर्मर हेतु युद्धस्तर पर कार्य जारी है जो इसी सप्ताह पूर्ण होने की संभावना है और शेष 7 कार्य भी अंतिम चरणों में हैं।

जहां कार्य पूर्णता अंतिम चरणों में हैं वे हैं कबीरधाम जिले में राजानवा गांव, राजनांदगांव जिले में टप्पा, भैयाटोला उदयपुर, ईटार, बांधाबाज़ार और छुरिया, दुर्ग जिले अमोरे, खिलौद, पतपोड़ी , गोंड़गिरी और रसमुड़ा में कार्य प्राथमिकता के आधार पर किये जा रहे हैं जिनकी पूर्णता की संभावना इसी सप्ताह है। इसके अतिरिक्त महासमुंद जिले में पोटापारा, खैरखुटा, बल्दीडीह, कुडेकेल एवं सालखण्ड भी प्रगति पर हैं और दुर्ग जिले में सिंधभाठा, राजपुर भी प्रगति पर हैं एवं अंतिम चरण पर हैं।