Home बिहार बिहार में अचानक तेज हुई सियासी बैठकें, निकाले जा रहे मायने!

बिहार में अचानक तेज हुई सियासी बैठकें, निकाले जा रहे मायने!

nitish kumar

पटना: आमतौर पर चुनाव से एक-दो महीने पहले गठबंधन के नेताओं का मिलने-जुलने का सिलसिला बढ़ जाता है। अगले साल संभावित लोकसभा चुनाव में अभी काफी समय है, ऐसे में नेताओं के बीच तेज हुई मुलाकात के मायने निकाले जा रहे हैं। हाल के दिनों पर नजर डालें तो रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राबड़ी आवास पहुंचे थे।

हालांकि इस दिन राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात नहीं हो सकी। इसके एक दिन बाद नीतीश कुमार फिर से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी आवास पहुंचे।  उन्होंने लालू प्रसाद से मुलाकात की और दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। इस दौरान आमतौर पर नीतीश कुमार राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मिलने आते रहे हैं, लेकिन गुरुवार को लालू प्रसाद अचानक मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और नीतीश कुमार से मुलाकात की। इस दिन भी दोनों नेताओं ने अकेले में 30 से 35 मिनट तक बातचीत की। इन बैठकों के बाद शुक्रवार को लालू प्रसाद की पार्टी राजद के नेताओं ने नीतीश कुमार को सबसे योग्य पीएम उम्मीदवार बता कर सियासत गरमा दी है।

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इस बीच, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के राष्ट्रीय महासचिव डी. राजा ने बुधवार को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात की और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ लड़ाई तेज करने पर चर्चा की। विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं की इन ताबड़तोड़ मुलाकातों के अब मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण सभी पार्टियां माथापच्ची कर रही हैं। सूत्रों का मानना है कि सभी पार्टियां चाहती हैं कि सीटों का बंटवारा हो जाए। राजद के एक नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि सीट बंटवारे को लेकर अभी असमंजस की स्थिति है। उन्होंने यहां तक कहा कि राजद और जदयू भी असमंजस में हैं कि वे कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।

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