Ranchi News : जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की कार्रवाई और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन (Hemant soren )की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने एजेंसी को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और अगली सुनवाई की तारीख 17 मई तय की।
कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
सोरेन ने झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी। उधर, इसी मामले में रांची स्थित पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। इस याचिका पर 1 मई और 4 मई को बहस के बाद जज राजीव रंजन ने दोनों पक्षों को 4 मई तक लिखित जवाब दाखिल करने का निर्देश देकर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हेमंत सोरेन की ओर से दलीलें पेश कीं। उन्होंने कहा कि ईडी द्वारा हेमंत सोरेन के खिलाफ दायर की गयी चार्जशीट में कोई सबूत पेश नहीं किया गया है। ऐसे में उनके खिलाफ शेड्यूल ऑफेंस का मामला नहीं बनता है। उनके मुवक्किल को राजनीति से प्रेरित होकर फंसाया गया है। ऐसे में उन्हें जमानत दी जानी चाहिए।
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ईडी ने किया था जमानत का विरोध
वहीं ईडी की ओर से जोएब हुसैन ने जमानत की मांग का विरोध करते हुए कहा था कि हेमंत सोरेन एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। अगर उन्हें जमानत मिलती है तो वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकता है। ईडी ने कोर्ट में जो दस्तावेज पेश किए हैं, उनसे साफ पता चलता है कि जमीन घोटाले में उनकी सीधी संलिप्तता है।
आपको बता दें कि 31 जनवरी को रांची के बड़ागाईं इलाके में 8.66 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। ईडी ने 30 मार्च को हेमंत सोरेन के अलावा जमीन के मूल मालिक राजकुमार पाहन, हेमंत सोरेन के करीबी विनोद कुमार, राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद और हिलारियस कच्छप के खिलाफ भी कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है। बताया गया है कि हेमंत सोरेन ने न सिर्फ अवैध तरीके से जमीन हासिल की, बल्कि जब जांच शुरू हुई तो सबूत मिटाने की भी कोशिश की। बता दें कि गिरफ्तारी के ढाई महीने बाद हेमंत सोरेन ने पहली बार जमानत याचिका दायर की थी।