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कोरोना से जंग में जीत के लिए पीएम मोदी ने दिया मंत्र, कहा-जहां बीमार, वहीं उपचार

New Delhi, Oct 22 (ANI): Prime Minister Narendra Modi greets as he takes part in commencement of Durga Puja celebrations in Kolkata virtually via video conferencing, in New Delhi on Thursday. (ANI Photo)

वाराणसीः कोरोना महामारी की दूसरी लहर के खिलाफ जंग में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के 100 से अधिक कोरोना योद्धाओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीधा संवाद कर उनका उत्साहवर्धन किया। कमिश्नरी सभागार में जुटे डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में से चुनिंदा लोगों से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने मौजूदा हालात, कोविड संक्रमित मरीजों के इलाज के अनुभवों को भी सुना। इस दौरान प्रधानमंत्री ने अच्छा कार्य करने वाले चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को जमकर सराहा।

वाराणसी में कोरोना महामारी के चपेट में आकर दम तोड़ने वाले अपने संसदीय क्षेत्र के नागरिकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताने के दौरान प्रधानमंत्री भावुक हो गये। अपने को संभालते हुए उन्होंने कहा कि इस वायरस ने हमारे कई अपनों को हमसे छीना है। मैं उन सभी लोगों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं। प्रधानमंत्री ने कोविड के खिलाफ काशी के लड़ाई की सराहना कर इससे जीतने के लिए ‘जहां बीमार-वहीं उपचार’ का मंत्र भी दिया। प्रधानमंत्री ने कोरोना काल की विभीषिका का उल्लेख कर कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौर में हमें कई मोर्चो पर लड़ना पड़ रहा है। संक्रमण दर पहले से कई गुना ज्यादा है। मरीजों को भी कई दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ रहा है। इससे हमारे स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी दबाव बढ़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी पूरे पूर्वांचल के स्वास्थ्य सेवाओं का बड़ा केंद्र है। बिहार के लोग भी काशी पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए निर्भर हैं। ऐसे में यहां के लिए कोरोना चुनौती बनकर आया है। यहां के चिकित्सकीय व्यवस्था पर सात सालों में जो काम हुआ उसने आज हमारा बहुत साथ दिया। इस असाधारण हालात में महामारी के दबाव को संभालना संभव रहा। प्रधानमंत्री ने कोरोना योद्धाओं के साथ सामाजिक संगठनों की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि आपने एक-एक के लिए दिन रात काम किया। खुद की तकलीफ से ऊपर उठकर जी जान से काम करते रहे। आपकी तपस्या से बनारस ने जिस तरह कम समय में खुद को संभाला है। आज पूरे देश में उसकी चर्चा हो रही है। इस कठिन दौर में जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों और सुरक्षा बलों ने भी लगातार काम किया। आक्सीजन के लिए प्लांट लगाए। बनारस ने जिस गति से कम समय में आइसीयू बेड बढाया और डीआरडीओ अस्पताल को स्थापित किया। बनारस का कोविड कमांड सेंटर बढिया काम कर रहा है। तकनीक का प्रयोग किया। मरीजों के लिए सुलभ बनाया वह अनुकरणीय है। जो सरकार की योजनाएं बनी जो अभियान चले उसने भी कोरोना से लड़ने में मदद की।

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प्रधानमंत्री ने कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए काशी के व्यापारियों और व्यापार संगठन के स्वतरू बंदी को लेकर भी उनका आभार जताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपने आर्थिक लाभ, नुकसान की चिंता नहीं की बल्कि सेवा में लग गए। मां अन्नपूर्णा की नगरी का स्वभाव और साधना का मंत्र है। आपके तप और प्रयास से महामारी के हमले को काफी हद तक संभाला है। अभी संतोष का समय नहीं है लंबी लडाई करनी है। गांव की स्वास्थ्य व्यवस्था पर जोर देने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने युवा चिकित्सकों का आह्वान कर कहा कि अभी संतोष का समय नहीं है लंबी लडाई लड़नी है। प्रधानमंत्री ने पूर्वांचल में दिमागी बुखार से मौतों और इसको लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब सांसद थे उस दौर के संघर्ष और संसद में रोने की घटना का भी प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि समय के साथ अब सरकार के प्रयास से इस पर लगाम लग चुका है। हमारी लडाई रूप बदलने वाले धूर्त के खिलाफ है। बच्चों को भी बचाकर रखना है। उनके लिए भी तैयारी करनी है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने बीएचयू में बने पं. राजन मिश्र कोविड अस्थायी अस्पताल सहित वाराणसी में विभिन्न कोविड अस्पतालों के कार्यप्रणाली को भी जाना। इस दौरान उन्होंने अच्छा कार्य करने वाले चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को सराहते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण काल में इस पर नियंत्रण के लिए युद्ध सरीखी तैयारियों की जरूरत है।

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