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पीएम मोदी ने उत्तराखंड को दी 18 परियोजनाओं की सौगात, पूर्ववर्ती सरकारों पर जमकर साधा निशाना

देहरादूनः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उत्तराखंड पूरी देश की आस्था ही नहीं, बल्कि कर्म और कठोरता की भी भूमि है, इसलिए इस क्षेत्र को विकसित करना ‘डबल इंजन’ सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी पिछली सरकार ने सात साल में केवल 288 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनवाये थे। अपने कार्यकाल में हमने 2,000 किमी से अधिक का निर्माण किया। जो लोग पूछते हैं कि ‘डबल इंजन’ सरकार का क्या लाभ है, वह आज देख सकते हैं कि राज्य में विकास कैसे हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है। गढ़वाली-कुमाऊंनी भाषा में अपने संबोधन से प्रधानमंत्री ने लोगों का दिल जीता। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि आप सब कुशल मंगल होंगे मैं आपकी सेवा में सेवक के रूप में हूं।

प्रधानमंत्री ने देवभूमि उत्तराखंड को 18 हजार करोड़ रुपये की 18 परियोजनाओं की सौगात देने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुये अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान उन्होंने राज्य की पूर्व सरकारों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस शताब्दी की शुरुआत में अटलजी ने भारत में कनेक्टिविटी बढ़ाने का अभियान शुरू किया था। लेकिन उनके बाद 10 साल देश में ऐसी सरकार रही जिसने देश और उत्तराखंड का बहुमूल्य समय व्यर्थ कर दिया। 10 साल तक देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर घोटाले और घपले हुये। इससे देश का जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई के लिए हमने दोगुनी गति से मेहनत की और आज भी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड की जनता का आभार जताते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है। कहा कि उत्तराखंड पूरे देश की आस्था ही नहीं बल्कि कर्म और कठोरता की भूमि है। इसलिए इस क्षेत्र का विकास, इसे भव्य स्वरूप देना, डबल इंजन की सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पिछले 5 वर्षों में उत्तराखंड के विकास के लिए केंद्र की ओर से 100000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी गई। यह राशि विभिन्न परियोजनाओं के लिए दी गई हैं। यहां की सरकार इनको तेजी से जमीन पर उतार रही है। इसको और आगे बढ़ाते हुए आज अट्ठारह हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चाहे एयर कनेक्टिविटी हो, स्वास्थ्य हो संस्कृति हो, तीर्थाटन हो, बच्चों के लिए विशेष योजनाएं हों। करीब-करीब हर क्षेत्रों से जुड़ी परियोजनाओं को प्रारंभ किया गया। कई वर्षों की मेहनत के बाद जरूरी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद आज यह दिन आया है। यह परियोजनाएं इस प्रदेश की आवश्यकता हैं। मैंने केदारपुरी के कार्यक्रम में यह कहा था कि यह परियोजनाएं उत्तराखंड को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इन परियोजनाओं में उत्तराखंड के लोगों की सहभागिता के लिए मैं उनका बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। कहा कि जो लोग पूछते हैं कि डबल इंजन की सरकार का फायदा क्या है, उन्हें उत्तराखंड के विकास की पहल देखनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने मोदी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड में कनेक्टिविटी बढ़ाने का अभियान प्रारंभ किया था। उनके बाद 10 साल ऐसी सरकारी रहीं, जिन्होंने उत्तराखंड ही नहीं देश के 10 सालों का बहुमूल्य समय बर्बाद कर दिया इस अवधि में भारी मात्रा में घपले हुए घोटाले हुए, लेकिन अब दोगुनी मेहनत से देश और प्रदेश के विकास के लिए कार्य चल रहा है। आज भारत की नीति विश्व स्तर पर चर्चा का विषय है। हम दोगुनी गति से प्रदेश देश के विकास का काम कर रहे हैं। आज भारत नवनिर्माण में जुटा है, अन्य सरकारों के कार्यकाल में कनेक्टिविटी की सुविधा नहीं थी, लेकिन अब कनेक्टिविटी का अभियान चलाया जा रहा है। यह कार्यक्रम और शिलान्यास इसी बात का प्रतीक हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देवभूमि में उद्योगपति भी आते हैं। पर्यटक और सैलानी भी आते हैं। उनके लिए सुविधाएं आवश्यक है। इन साढ़े 4 वर्षों में जो सुविधाएं दी गई हैं,वह अपने आप में अनूठी हैं। यह लोकार्पण इसी बात का प्रतीक है भगवान बद्रीनाथ पहुंचने के लिए लामा बगड़ में भूस्खलन का जो खतरा था उसे दुरुस्त किया जा रहा है। अब इस व्यवस्था का लाभ आम जनता को मिलेगा। वर्ष 2012 में 570000 लोगों ने देव महादेव दर्शन किया, यह उस समय के व्यवस्थाओं पर आधारित आधारित था। कोरोना का शुरू होने से पहले 10 लाख से अधिक लोग देव दर्शन करने पहुंचे।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पहले जब भी मैं उत्तराखंड आता था या लोगों से बातचीत करता था तो लोग कहते थे कि मोदी दिल्ली से देहरादून की यात्रा गणेशपुर तक तो ठीक है। उसके बाद काफी समस्या होती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्वभर में पर्यावरण रक्षा की मांग होती है। हमने इस संदर्भ में पहल की है। हमारे पहाड़, हमारी संस्कृति, हमारी आस्था के केंद्र इस देश की व्यवस्था के किले हैं। पहाड़ों के लोगों का जीवन सुगम बनाना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से इससे पहले जो सरकार में रहे उनकी नीति और नियत में काफी समस्या है। उनका एक ही राजा रहता था कि अपनी झोली कैसे भरी जाए, अपने घर कैसे भरे जाएं, अपनों का ध्यान कैसे रखा जाए? हमारे लिए हमारे लिए उत्तराखंड तपस्या का मार्ग है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 से 14 के बीच जो केंद्र की सरकार थी, उसने 7 साल में उत्तराखंड में केवल 288 किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाया जबकि हमारी सरकार ने अपने 7 साल में उत्तराखंड में 2000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया है।

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