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PM मोदी बोले- अविश्वास से भरा है घमंडिया गठबंधन, दिल्ली सेवा बिल पर भी ली चुटकी

PM Modi-No Confidence Motion

नई दिल्लीः केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज लोकसभा में चर्चा शुरु हो चुकी है। यह चर्चा दोपहर 12 बजे से शुरू होकर शाम 7 बजे तक चलेगी। वहीं, अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से पहले आज संसद भवन में पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई। मौजूदा सत्र के साथ-साथ मिशन 2024 चुनाव की रणनीति बनाने के लिए यह बैठक अहम है।

संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm modi) ने कहा कि विपक्षी गठबंधन अविश्वास से भरा है और यही दिखाने के लिए वह अविश्वास प्रस्ताव लेकर आये हैं। इस प्रस्ताव में विपक्ष की पराजय होगी। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने कहा था कि 2024 से पहले राज्यसभा में वोटिंग सेमीफाइनल होगी। पीएम ने इस सेमीफाइनल जीत पर बधाई देने वाले सांसदों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन भारत नहीं बल्कि अहंकारी गठबंधन है।

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पीएम मोदी 10 अगस्त को देंगे जवाब 

संसदीय दल की बैठक के बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पर पार्टी की रणनीति पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि अहंकारी गठबंधन अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। हमारे पास बहुमत है, हमें समझ नहीं आ रहा कि वे प्रस्ताव क्यों लाए।’ लेकिन शायद वे यह परखना चाहते हैं कि वे एकजुट हैं या नहीं।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा में अविश्वास अविश्वास प्रस्ताव पर 8, 9 और 10 अगस्त को लोकसभा में चर्चा होगी। प्रधानमंत्री मोदी (pm modi) 10 अगस्त को चर्चा का जवाब देंगे। मंगलवार को संसद भवन परिसर में हुई बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, धर्मेंद्र प्रधान, एस जयशंकर, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पार्टी के सभी सांसद मौजूद रहे।

जानें क्‍या है अविश्‍वास प्रस्‍ताव ?

भारत के संविधान में अविश्वास प्रस्ताव का कोई जिक्र नहीं है। लेकिन अनुच्छेद-75 के अनुसार, प्रधानमंत्री और उसकी मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति जवाब देह हैं। चूंकि लोकसभा में जनता के प्रतिनिधि बैठते हैं इसलिए सरकार के लिए सदन का विश्वास होना बहुत जरूरी है यानी कोई भी सरकार तभी सत्ता में बनी रह सकती है जब उसके पास लोकसभा में बहुमत हो। इसके आधार पर लोकसभा के नियम 198 में अविश्वास प्रस्ताव का जिक्र किया गया है। अविश्वास प्रस्ताव यह जांचने का एक तरीका है कि सरकार के पास सदन में बहुमत है या नहीं।

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