नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को बलरामपुर में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन किया। इस परियोजना से पूर्वी उत्तर प्रदेश के 6,200 से अधिक गांवों के लगभग 29 लाख किसानों को लाभ पहुंचेगा और वे अपनी कृषि क्षमता को बढ़ाने में समर्थ होंगे। बलरामपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने इस परियोजना का उद्धाटन किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत भी उपस्थित रहे।
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9800 करोड़ की आई लागत
यह परियोजना वर्ष 1978 में शुरू हुई थी, लेकिन सरकारी उपेक्षाओं की वजह से इस परियोजना को 2016 तक पूरा नहीं किया जा सका था। 2016 में इस परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि संचयी योजना में शामिल किया गया और इसे समयबद्ध तरीके से पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना को कुल 9800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है, जिसमें से 4600 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान पिछले चार वर्षों में किया गया।
पांच नदियों को आपस में जोड़ा
इस परियोजना में क्षेत्र के जल संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए पांच नदियों – घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा और रोहिणी को आपस में जोड़ना भी शामिल है। यह परियोजना 14 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराएगी और 6200 से अधिक गांवों के लगभग 29 लाख किसानों को लाभान्वित करेगी। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के नौ जिले बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर और महाराजगंज लाभान्वित होंगे।
बता दें कि बार-बार नाम बदले जाने के बाद सरयू नहर परियोजना आखिर 43 साल बाद शनिवार को साकार हो रही है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण करेंगे। मुख्य शाखा के अलावा माइनर व टेल तक पानी पहुंचाने की कवायद करीब 43 साल बाद पूरी हो रही है। जिले भर में 808 किलोमीटर नहर का जाल बिछ चुका है और इससे दो लाख 41 हजार किसानों को सिंचाई का सीधा फायदा मिलेगा।
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