नई दिल्लीः देश में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रचने के आरोपी आमिर जावेद की जमानत याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आरोपों की गंभीरता और सामने आए तथ्यों को देखते हुए प्रथम दृष्टया आरोप सही प्रतीत होते हैं।
सीरियल ब्लास्ट की बनाई थी योजना
दिल्ली पुलिस ने आमिर जावेद के खिलाफ यूएपीए की धारा 43डी के तहत एफआईआर दर्ज की थी। आमिर जावेद को 14 सितंबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, उसे IED के जरिए देश के कई हिस्सों में सीरियल ब्लास्ट की योजना की जानकारी मिली थी। आईईडी अज्ञात स्रोतों से खरीदे गए थे। इसके ओखला, दिल्ली, यूपी और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में सहयोगी थे।
छापेमारी में हुआ गिरफ्तार
इस साजिश का पर्दाफाश करने के लिए मुंबई के अलावा यूपी के लखनऊ, प्रयागराज, रायबरेली और प्रतापगढ़ में एक साथ ऑपरेशन चलाया गया। 14 सितंबर 2021 को एक साथ कई जगहों पर छापेमारी की गई। इस मामले में शुरुआत में कोटा टीम ने जान मोहम्मद शेख उर्फ कालिया को गोल्डन टेंपल ट्रेन से दिल्ली आते वक्त गिरफ्तार किया था।
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इसके बाद दिल्ली के ओखला से ओसामा उर्फ सामी, सराय काले खां से मोहम्मद अबू बकर, प्रयागराज से जीशान कमर और लखनऊ से आमिर जावेद को गिरफ्तार किया गया। आमिर जावेद के पास से दो आईईडी, दो हैंड ग्रेनेड और दो पिस्तौल के अलावा जिंदा कारतूस बरामद किए गए। इन सभी के खिलाफ 8 फरवरी 2022 को आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
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