नई दिल्लीः दर्दनिवारक गुणों को अपने आप में समेटे हुए पुदीना कई बीमारियों के लिए लाभदायक है। पिपरमिंट एन्टीसेप्टिक (रोगाणु को फैलने से रोकने वाला), दर्द निवारक और पाचन शक्ति बढ़ाने में मददगार होता है। यह गठिया के दर्द में फायदेमंद होने के अलावा उल्टी रोकने में भी सहायता करता है। यह दांतों, पेट, सिर का दर्द और पेट की गड़बड़ी आदि में काफी लाभदायक है। इसके तेल और रस का इस्तेमाल चिकित्सा में भी किया जाता है। पुदीना का तेल पाइरिया में भी लाभकारी होता है। इसके साथ ही पित्तवर्धक, जीवाणुरोधी तथा कीटनाशक होता है। इसके अलावा पुदीने का तेल दर्दनिवारक भी होता है।
पुदीना में एन्टीबैक्टीरियल, एन्टीसेप्टिक और पेनकिलर आदि गुण कई तरह की बीमारियों के लिए फायदेमंद साबित होता है। दिन भर काम के तनाव के वजह से या मौसम के कारण सिरदर्द में पुदीना को पीसकर सिर पर लगाने से आराम मिलता है। बच्चे से लेकर बड़े दाँत दर्द से किसी न किसी समय परेशान होते ही हैं। तब पुदीना के क्रिस्टल को दांतों के बीच में रखकर दबाने से दांत दर्द में लाभ होता है। सर्दी से आराम दिलाने में भी पुदीना बहुत ही गुणकारी साबित होता है। पुदीना का भाप लेने से सर्दी आदि कफ वाले बीमारियों से राहत मिलती है। दस्त होने पर पुदीना का सेवन करने पर लाभ मिलता है। पुदीना के पत्तों का काढ़ा बनाकर 5-10 मिली मात्रा में पीने से मरोड़युक्त अतिसार या दस्त, पेट संबंधी समस्या तथा पेट दर्द में लाभ मिलता है।
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पुदीना के तेल का प्रयोग पेट संबंधी रोगों के चिकित्सा में किया जाता है। अक्सर मसालेदार खाना या ज्यादा खाना खा लेने से पेट में गैस हो जाती है जो पेट दर्द का कारण बन जाता है। घर में पेट दर्द से जल्द आराम पाने के लिए पुदीने के पत्तों को निचोड़ कर पानी में थोड़ा शक्कर के साथ मिलाकर सेवन करने से पेट दर्द में राहत मिलती है। पुदीना के तेल में एंटी एलर्जिक एवं एंटी इंफ्लामेटरी गुण पाए जाने के कारण यह एलर्जी में भी लाभदायक होता है।