कोरोना की चपेट में आए लोगों को शरीर के इस अंग का रखना चाहिए विशेष ध्यान

नई दिल्लीः तीसरी लहर की चेतावनी के बीच कोविड की दूसरी लहर के कारण भारत में काफी लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ी। जो लोग गंभीर रूप से इस महामारी की चपेट में आए थे, उन्हें अपनी किडनी के स्वास्थ्य को ध्यान में रखना चाहिए। शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने शुक्रवार को सलाह इस बात की सलाह दी। एम्स के एक नवीनतम अध्ययन ने पुष्टि की है कि फेफड़े और लीवर के अलावा गंभीर कोविड -19 के साथ मृतक रोगियों में किडनी सबसे अधिक प्रभावित हुए थे। नोएडा के जेपी अस्पताल में सीनियर किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ अमित के देवरा के अनुसार निमोनिया के कारण रक्त में कम ऑक्सीजन का स्तर किडनी में एटीएन (ट्यूब्यूल को नुकसान) पैदा कर सकता है।

देवरा ने बताया कि गंभीर मामलों में साइटोकिन्स स्ट्रोम के कारण गंभीर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होती है, जिससे किडनी सहित कई अंगों में तीव्र सूजन हो जाती है, जिससे स्वस्थ किडनी को नुकसान होता है। किडनी पर कोविड-19 का पूर्ण प्रभाव अभी तक स्पष्ट नहीं है। हालांकि, जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन के किडनी स्वास्थ्य के विशेषज्ञ सी जॉन स्पेराटी ने खुलासा किया है कि बीमारी के विकसित होने और बाद में एक व्यक्ति के ठीक होने के बाद नया कोरोना वायरस किडनी के कार्य को कैसे प्रभावित कर सकता है। यह वायरस किडनी की कोशिकाओं को ही संक्रमित कर देता है। किडनी की कोशिकाओं में रिसेप्टर्स होते हैं जो नए कोरोना वायरस को उनसे जुड़ने, क्षति करने और स्वयं की प्रतियां बनाने में सक्षम बनाते हैं, संभावित रूप से उन ऊतकों को नुकसान पहुंचाते हैं।

जॉन्स हॉपकिन्स वेबसाइट पर प्रकाशित एक नवीनतम अपडेट में नेफ्रोलॉजी फेलोशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम के निदेशक स्पेराती ने कहा कि इसी तरह के रिसेप्टर्स फेफड़ों और हृदय की कोशिकाओं पर पाए जाते हैं, जहां नए कोरोना वायरस हानि पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि एक और संभावना यह है कि कोरोना वायरस के रोगियों में किडनी की समस्या रक्त में ऑक्सीजन के असामान्य रूप से निम्न स्तर के कारण होती है, जो आमतौर पर बीमारी के गंभीर मामलों में देखे जाने वाले निमोनिया का परिणाम है। किडनी फिल्टर की तरह होते हैं जो शरीर से विषाक्त पदार्थो, अतिरिक्त पानी और अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकालते हैं।

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स्पेराती के अनुसार, कोविड -19 रक्तप्रवाह में छोटे थक्कों का निर्माण कर सकता है, जो किडनी की सबसे छोटी रक्त वाहिकाओं को रोक सकता है और इसके कार्य को खराब कर सकता है। कोविड-19 के गंभीर मामलों से पीड़ित कुछ लोगों में किडनी खराब होने के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, यह उन लोगों में देखा जा रहा है जिन लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने से पहले किडनी की कोई समस्या नहीं थी। फोर्टिस अस्पताल में अतिरिक्त निदेशक, नेफ्रोलॉजी, डॉ अनुजा पोरवाल के अनुसार यदि किसी व्यक्ति को मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, किडनी की पथरी आदि जैसी सह-रुग्णताएं हैं, तो उसे किडनी की समस्या होने की अधिक संभावना है।