चुनाव में हार के लिए पार्टी का राज्य नेतृत्व जिम्मेदार: सब्यसाची बागची

कोलकाताः कोलकाता नगर निगम चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने 144 वार्ड में से 134 में जीत हासिल की। भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ तीन सीटों पर जीत मिली। चुनाव में हार के लिए भाजपा नेता व सेवानिवृत्त कर्नल सब्यसाची बागची ने पार्टी के राज्य नेतृत्व को जिम्मदार बताया है।

बुधवार को सेवानिवृत्त कर्नल सब्यसाची बागची ने केएमसी चुनाव में भाजपा की हार को लेकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि कोलकाता नगर निगम चुनाव में भाजपा के इस परिणाम के लिए पार्टी का राज्य नेतृत्व पूरी तरह से जिम्मेदार है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे कुछ और होंगे।

कर्नल बागची ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हाथ पकड़ कर पश्चिम बंगाल में भाजपा की हवा चल रही थी, लेकिन पार्टी ने पिछले छह महीने में 18 सांसदों और 75 विधायकों के साथ क्या किया है। संगठन जैसी कोई चीज नहीं है। सब्यसाची ने कहा कि पार्टी 2015 में उपचुनाव में सात में से तीन सीटें जीती और प्राप्त मतों के मामले में तीसरे स्थान पर गिरावट हुई है। यह पार्टी के लिए ठीक नही नहीं है। उन्होंने पार्टी की स्थिति के लिए “एडजस्टमेंट पॉलिटिक्स” को जिम्मेदार ठहराया है। उनके मुताबिक राहुल सिन्हा, दिलीप घोष और सुकांत मजूमदार सभी एक ही रास्ते पर हैं।

पार्टी के पिछड़ने के कारण के सवाल पर सब्यसाची ने कहा कि पहले पार्टी के स्वार्थी समूह को निष्क्रिय करना होगा। कार्य कठिन है पर असंभव नहीं। अगर भाजपा संगठन नहीं बना सकती तो उसके लिए पिछड़ना ही है। एक सवाल के जवाब में सब्यसाची ने कहा कि लोकसभा के चुनाव की तुलना नगर निगम के चुनाव से कभी नहीं की जा सकती। लोकसभा चुनाव एक राष्ट्रीय मामला है। तृणमूल कांग्रेस चाहे जो भी दावे करें। वहां उस पार्टी का कोई महत्व नहीं है।

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पश्चिम बंगाल की जनता राजनीति से अच्छी तरह वाकिफ है। उनके अनुसार, जनशक्ति एक पार्टी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का यह ताकत कहीं ज्यादा है। इसका एक कारण राज्य में रोजगार के कम अवसर हैं। निवेश नहीं किया जा रहा है। मेधावी बच्चे विदेश जा रहे हैं या दूसरे राज्यों में जा रहे हैं। सब्यसाची ने कहा कि बचने के लिए कई लोग भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में चले गए हैं। उल्लेखनीय है कि सब्यसाची 2006 से 2009 तक भाजपा में प्रदेश उपाध्यक्ष थे और वे एक समय पार्टी के महासचिव भी थे।

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