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लोकसभा में आज पूरे दिन होगी महिला आरक्षण बिल पर चर्चा, सोनिया-स्‍मृति और सीतारमण होंगी आमने-सामने

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Women Reservation Bill: संसद के विशेष सत्र का आज तीसरा दिन है। पहले दिन लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया गया। वहीं, नई संसद में आज ‘शक्ति वंदन बिल’ यानी महिला आरक्षण बिल पर बहस होनी है। आज संसद भवन में महिला आरक्षण बिल पर बहस पूरे दिन बहस होने वाली है।

सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, भारती पवार और अपराजिता सारंगी अपना पक्ष रखेंगे। जबकि विपक्ष की ओर से कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस की ओर से मुख्य वक्ता होंगी। महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक बहस होगी। इस बहस के हंगामेदार होने के आसार हैं।

बता दें कि लोकसभा और देश की विधान सभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाले संविधान (128 वां संशोधन) विधेयक आज लोक सभा में चर्चा के बाद पारित हो सकता है। लोकसभा में आज इस पर चर्चा के लिए सात घंटे का समय निर्धारित किया गया है। हालांकि वक्ताओं की संख्या और विभिन्न दलों के अनुरोध पर इस समय को बढ़ाया भी जा सकता है।

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सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस की तरफ से विधेयक पर आज चर्चा के दौरान सोनिया गांधी मोर्चा संभाल सकती है। वहीं सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को मौका मिल सकता है। बताया जा रहा है कि सरकार एवं भाजपा की तरफ से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी महिला आरक्षण से जुड़े विधेयक पर चर्चा के दौरान बोल सकती हैं।

श्रेय लेने की मची होड़

दरअसल, महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस जहां इसे अपना बताकर श्रेय लेने की कोशिश करती नजर आएगी, वहीं भाजपा पलटवार करती दिखाई देगी कि कांग्रेस ने महिलाओं को आरक्षण देने के लिए कभी गंभीरता से प्रयास ही नहीं किया। दोनों पक्ष चर्चा के दौरान इस मामले में अधिक से अधिक श्रेय लेने की कोशिश करेंगे क्‍योंकि मसला देश की लगभग आधी आबादी से जुड़े होने के साथ ही 50 प्रतिशत वोट बैंक से भी जुड़ा हुआ है।

33 फीसदी सीटें महिलाओं

गौरतलब है कि महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश हो चुका है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बिल को लोकसभा में पेश किया। महिला आरक्षण बिल पर सभी पार्टियां एक साथ नजर आ रही हैं। ऐसे में इस बिल के दोनों सदनों से आसानी से पारित होने की उम्मीद है। इस बिल के कानून बनने के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी।

यह विधेयक 33% कोटा के भीतर SC/ST और एंग्लो-इंडियन के लिए उप-आरक्षण का भी प्रस्ताव करता है। आरक्षित सीटें राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में रोटेशन के माध्यम से आवंटित की जा सकती हैं। महिला आरक्षण विधेयक के समर्थकों का तर्क है कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण और प्रतिनिधित्व में सुधार की दिशा में एक आवश्यक कदम है।

हमने मेक इन इंडिया का पूरा फायदा उठाया-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हमने मेक इन इंडिया का पूरा फायदा उठाया है। आज नया संसद भवन देश के लिए एक ऐतिहासिक फैसले का गवाह बना है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में आज लोकसभा में एक बिल पेश किया गया है। हमारा प्रयास रहा है कि महिलाओं को हर क्षेत्र में उचित भागीदारी मिले। उन्होंने कहा कि पहले टेक्नोलॉजी में बदलाव आने में 50-50 साल लग जाते थे, आज कुछ ही हफ्तों में बदलाव आ जाते हैं। आधुनिकता एक आवश्यकता बन गई है।

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