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पूर्व सीएम बादल की अंतिम अरदास पर अमित शाह बोले- किसानों ने अपना सच्चा हम दर्द खोया...

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prakash-singh-badal चंडीगढ़ः दिवंगत अकाली नेता प्रकाश सिंह बादल को बड़े दिल वाला, किसानों का हमदर्द और आपातकाल के खिलाफ चट्टान की तरह खड़े रहने वाला व्यक्ति बताते हुए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। शाह ने कहा कि उन्होंने हमेशा धर्मनिरपेक्षता को महत्व दिया और उसका पालन किया और उनका निधन देश के लिए एक बड़ी क्षति है। पंजाब के मुक्तसर जिले में पैतृक गांव बादल में उनके परिवार और समर्थकों के साथ संवेदना व्यक्त करते हुए शाह ने कहा कि अनुभवी नेता का निधन बेहद दुखद है। उनका कई दशकों का करियर गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित था। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है। सिख 'पंथ' (समुदाय) ने एक सच्चा सैनिक और देश ने एक सच्चा देशभक्त खो दिया है। शाह के अलावा, उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी गजेंद्र सिंह शेखावत और सोम प्रकाश, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राजस्थान के कांग्रेस नेता सचिन पायलट, अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के अलावा कई धार्मिक नेता और सिख संप्रदायों के प्रमुखों ने बादल के अंतिम अरदास में हिस्सा लिया। ये भी पढ़ें..सुकेश ने जेल से जैकलीन को लिखा पत्र, बोला-माई लव तुम्हें मिस कर रहा हूं…’सुपर सरप्राइज’ देने का किया वादा इस मौके पर अमित शाह ने कहा कि बादल साहब के हमारे बीच में न रहने से जो क्षति हुई है, उसे भर पाना मुश्किल है। सिखों ने अपना सिपाही, देश ने भगत खोया है। किसानों ने अपना सच्चा हम दर्द खोया है। 70 साल के सार्वजनिक जीवन के बाद कोई चला जाए और कोई दुश्मन ना हो, यह संभव नहीं। लेकिन प्रकाश सिंह बादल उसकी मिसाल हैं। प्रकाश सिंह बादल का 25 अप्रैल को 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार 27 अप्रैल को किया गया। बादल के चित्र पर दो बार पुष्प अर्पित करने के बाद शाह ने अपने संबोधन में कहा, 'वह ऐसे व्यक्ति थे जिनका कोई दुश्मन नहीं था।' बादल साहब लोकतंत्र की रक्षा के लिए आपातकाल के खिलाफ चट्टान की तरह खड़े रहे। शाह ने कहा कि उन्हें कई बार बादल से मिलने का सौभाग्य मिला। यादें हमेशा मेरे साथ रहेंगी। बादल को हमेशा शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए काम करने वाला व्यक्ति बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, सात दशक के अपने करियर में बादल पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री रहे। नए पंजाब की नींव रखी। मुझे उनके बेटे (सुखबीर बादल) ने अभी बताया है कि बादल गांव में बादल साहब ने एक मंदिर, एक मस्जिद और एक गुरुद्वारा बनवाया था। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)