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Pariksha Pe Charcha 2023: पीएम मोदी ने छात्रों को दिया परीक्षा में तनाव मुक्त रहने का मंत्र

Pariksha Pe Charcha 2023-mp modi

नई दिल्लीः पीएम नरेन्द्र मोदी अपने लोकप्रिय ‘परीक्षा पे चर्चा’ 2023 (Pariksha Pe Charcha) के छठवें संस्करण में आज छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ बातचीत कर रहे हैं। पीएम ने 'परीक्षा पे परीक्षा' कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए छात्रों से कहा कि शायद इतनी ठंड में पहली बार परीक्षा पर चर्चा (Pariksha Pe Charcha) हो रही है। परीक्षा पे चर्चा फरवरी में करते हैं लेकिन विचार आया कि आप सबको 26 जनवरी का भी लाभ मिले। पीएम ने कहा कि परीक्षा पे चर्चा मेरी भी परीक्षा है, देश के तमाम छात्र मेरी परीक्षा ले रहे हैं और मुझे यह एग्जाम देने में मजा आता है।

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बता दें कि कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में किया गया है। इस दौरान मदुरई केंद्रीय विद्यालय की छात्रा अश्विनी समेत कई छात्रों ने ने पीएम मोदी से परीक्षा के तनाव, दबाव और परीक्षा में अधिक अंक लाने के प्रेशर को को कैसे डील करें पर प्रश्न पूछा। जिसका जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी चुटकी ली और कहा कि आप पहली ही बॉल में मुझे आउट करना चाहती हो। जैसे क्रिकेट में गुगली होता है यानी निशाना एक होता है और दिशा दूसरी होती है।

छात्रों द्वारा पूछे गए सवाल का उत्तर देते हुए पीएम ने कहा कि परिवार के लोगों की आपसे अपेक्षा होना बहुत स्वाभाविक है और उसमें कुछ गलत भी नहीं है। यदि परिवार के लोग अपेक्षाएं सोशल स्टेटस के कारण कर रहे हैं तो यह चिंता का विषय है। अभिभावकों को कई बार लगता है कि जब सोसाइटी में जाएंगे तो अपने बच्चों के बारे में क्या बताएंगे, कभी-कभी अभिभावक छात्रों की स्थिति को जानने के बाद भी अपने सोशल स्टेटस को ध्यान में रखते हुए बच्चों के बारे में समाज में बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और फिर घर में आकर बच्चों से ऐसी ही उम्मीद करते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों के ऊपर लगातार अच्छे और अच्छे अंक लाने के लिए दबाव बनाया जाता है।

उन्होंने छात्रों से कहा कि क्रिकेट का मैच देखते हुए आपने देखा होगा कि जब कोई खिलाड़ी खेलने के लिए आता है तो पूरा स्टेडियम चौका, छक्का चिल्लाता है। क्या खिलाड़ी दर्शकों की डिमांड के ऊपर चौके और छक्के लगाता है। नहीं वह वैसा नहीं करता। कोई कितना ही चिल्लाता रहे खिलाड़ी का ध्यान बॉल पर होता है और जैसी बॉल आती है वैसा ही खेलता है न कि दर्शकों के कहने पर। पीएम ने कहा कि छात्र भी अपनी पढ़ाई पर फोकस करें किसी दबाव में न आएं।

इतना ही नहीं पीएम ने छात्रों को आत्मनिरीक्षण करने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि आप की क्षमता बहुत अधिक है और आप अपने आप का सही मूल्यांकन नहीं कर पा रहे। उन्होंने कहा मां-बाप को बच्चों पर पढ़ाई के लिए अधिक दबाव नहीं बनाना चाहिए लेकिन बच्चों को भी अपनी क्षमता से कम नहीं करना चाहिए। हिमाचल की आरुषि ठाकुर ने प्रधानमंत्री से पूछा कि यह बात समझ नहीं आती कि परीक्षा के दौरान पढ़ाई कहां से शुरू करूं, मुझे अक्सर ऐसा लगता है कि मैंने जो कुछ भी पढ़ा था मैं वह सब भूल गई हूं। कई अन्य छात्रों ने भी प्रधानमंत्री से पढ़ाई एवं परीक्षा की तैयारी के लिए टाइम मैनेजमेंट को लेकर प्रश्न पूछे।

पीएम ने कहा केवल परीक्षा के लिए ही नहीं बल्कि जीवन में भी हमें टाइम मैनेजमेंट के प्रति जागरूक रहना चाहिए। उन्होंने छात्रों को कहा कि अक्सर काम का ढेर इसलिए हो जाता है क्योंकि जो काम करना था वह हमने सही समय पर नहीं किया। प्रधानमंत्री ने छात्रों को सलाह दी कि विश्लेषण करना चाहिए कि हमें किस विषय को कितनी देर और कब पढ़ना है। उन्होंने कहा कि हमें जो विषय पसंद हैं या आते हैं हम उन्हीं में ज्यादा समय देते हैं और उन्हीं में खोए रहते हैं।

उन्होंने कहा कि फ्रेश माइंड के साथ सबसे पहले उस विषय को पढ़ने का प्रयास करें जिसमें आपको कठिनाई आती है। प्रधानमंत्री ने छात्रों से कहा कि यदि आप घर में अपनी मां के कार्य करने की शैली को देखें तो उससे भी आप टाइम मैनेजमेंट को सीख सकते हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि पढ़ाई के लिए समय को सही तरीके से डिसट्रीब्यूट कीजिए।

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