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पैरा-पावरलिफ्टर स्टार सुधीर ने स्वर्ण जीतकर रचा इतिहास

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सोनीपतः सोनीपत के गांव लाठ में शुक्रवार को मुबारक दिन है। आजादी के अमृत महोत्सव में एक नगीना और जड़ दिया है लाठ के लाल सुधीर ने। भारत वासियों को जब सुधीर ने स्वर्ण पदक के रुप में एक बेहतरीन तोहफा दिया तो पूरे गांव प्रदेश ओर देश में खुशी बयार आ गई है। गांव लाठ में खुशी का माहौल है

बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के पैरा-पावरलिफ्टर स्टार सुधीर ने स्वर्ण जीतकर एक नये इतिहास की रचना की है। राष्ट्रमंडल खेलों में पैरा-पावरलिफ्टिंग (दिव्यांग एथलीट्स की वेटलिफ्टिंग) में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले पैरा-पावरलिफ्टर स्टार सुधीर बन गए हैं। इससे पहले 2014 में पावरलिफ्टर सकिना खातून ने कांस्य पदक जीता था। सुधीर ने पुरुषों के हेवीवेट कैटेगरी में 212 किलो वजन उठाकर यह सुनहरी झलक स्वर्ण पदक जीत कर भारतीयों को दिखाई है।

87.30 किलो वजन वाले सुधीर ने रैंक हाइट 14 के साथ पहले प्रयास 208 किलो वजन, दूसरा प्रयास में उन्होंने 212 किलो वजन उठाया। इसके साथ ही 212 किलो वजन की लिफ्ट होने पर सुधीर ने अपने नाम एक गेम्स रिकॉर्ड भी लिख दिया। अंतिम चरण में सुधीर 217 किलो वजन उठाने में चूक गए। 134.5 पॉइंट्स लेकर सुधीर सिरमौर बने, स्वर्ण पदक भारत को दिलाने में सफल हो गए।

27 साल के सुधीर ने स्वर्ण पदक के साथ बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए पैरा खेलों में पदकों का खाता खोला। मेन्स हेवीवेट कैटेगरी में सुधीर के बाद नाइजीरिया के इकेचुकु क्रिस्टियन ओबिचुकु ने 133.6 अंकों के साथ रजत पदक जीता, जबकि स्कॉटलैंड के मिकी यूल ने 130.9 अंकों के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया।

सुधीर के खेल सफर पर एक नजर

सुधीर ने इससे पहले इसी साल जून 2022 में दक्षिण कोरिया में विश्व पैरा पावरलिफ्टिंग एशिया-ओशिनिया ओपन चैंपियनशिप में पुरुषों के 88 किग्रा भारवर्ग में 214 किलोग्राम की सर्वश्रेष्ठ लिफ्ट के साथ कांस्य पदक जीता और 2022 हांग्झू एशियाई पैरा खेलों के लिए क्वालिफाई कर लिया है। सुधीर पांच वर्ष की आयु में पोलिया का शिकार हो गए थे। इसके बाद 2013 में सोनीपत में खुद को फिट रखने के लिए पावरलिफ्टिंग शुरू की थी।

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