छत्तीसगढ़ क्राइम

फर्जी पैरा मेडिकल कालेज का पर्दाफाश, दाखिले के नाम पर छात्रों से वसूले थे करोड़ो रुपये

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रायपुर: बिना मान्यता के पैरा मेडिकल कालेज (para medical college) खोलने और प्रवेश के नाम पर तीन सौ से ज्यादा छात्रों से पांच करोड़ रुपये वसूलने के आरोप में पुलिस ने कालेज संचालक और प्रबंधन के खिलाफ टिकरापारा थाना पुलिस ने अपराध दर्ज किया है।

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टिकरापारा पुलिस थाने से मिली जानकारी के अनुसार रायपुर के देवपुरी में तीन साल पहले आरोपितों ने बिना मान्यता पैरा मेडिकल कॉलेज (para medical college) खोला और तीन सौ से ज्यादा छात्रों से पांच करोड़ वसूल लिए। कालेज के छात्र विवेक गिलहरे, डिगेश कुमार, ऋषभ ठाकुर, ललित पुजारी, जनार्दन साहू ने कालेज संचालक पर आरोप लगाया है कि मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्ध बताकर उन्होंने 310 विद्यार्थियों को प्रवेश दिलाया। छात्रों की परीक्षा नहीं होने पर जब जानकारी ली गई तब पता चला कि कालेज का मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्धता नहीं है। देवपुरी स्थित सांईनाथ पैरा मेडिकल कालेज के संचालक नरेंद्र पांडेय के खिलाफ टिकरापारा थाना पुलिस ने चार सौ बीसी का अपराध कायम किया है।

कालेज के छात्रों विवेक गिलहरे, डिगेश कुमार, ऋषभ ठाकुर, ललित पुजारी, जनार्दन साहू ने कालेज संचालक पर आरोप लगाया कि मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्धता बताकर उन्होंने 310 विद्यार्थियों को प्रवेश दिलाया।छात्रों से परीक्षा से दाखिले और परीक्षा फीस के नाम पर एक मुश्त डेढ़- डेढ़ लाख लिए गए। इसके अलावा अलग-अलग मद के नाम पर भी पैसे लेते रहे। छात्रों की परीक्षा नहीं होने पर जब जानकारी ली गई तब पता चला कि कालेज का मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्धता नहीं है।

कोरोना काल का हवाला देकर न तो छात्राें की परीक्षा ली और न ही किसी तरह का प्रमाण पत्र दिया। छात्रों को शक हुआ। छात्रों ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि वर्ष 2019 से लेकर अब तक कालेज प्रबंधन विद्यार्थियों को धोखा देता आ रहा था। उनकी शिकायत पर पुलिस ने जांच की, तब फर्जीवाड़ा उजागर हुआ।पुलिस ने जांच के बाद सांईनाथ पैरामेडिकल कॉलेज के संचालक राहुल द्विवेदी और नरेंद्र पांडेय के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।

सीएसपी राजेश चौधरी ने शुक्रवार को जानकारी दी कि कॉलेज को कुछ साल पहले मान्यता थी, लेकिन बाद में किसी कारण से एक्सटेंशन नहीं हुआ और मान्यता समाप्त हो गई। उसके बाद भी कॉलेज चलाया जा रहा था। छात्रों को फर्जी तरीके से कोर्स कराया जा रहा था। इस मामले में कॉलेज प्रबंधन को आरोपी बनाया गया है। आरोपितों की तलाश की जा रही है।

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