इस्लामाबादः पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ के दो बेटों को भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने मंगलवार को भ्रष्टाचार के तीन मामलों में बरी कर दिया। इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार की कानूनी दिक्कतें लगभग खत्म हो गई हैं। हसन और हुसैन नवाज़ 2018 में पनामा पेपर्स लीक से संबंधित एवेनफील्ड, फ्लैगशिप और अल-अज़ीज़िया भ्रष्टाचार मामलों में आरोपी थे।
नवाज शरीफ पर थे आरोप
2018 में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा दायर एवेनफील्ड अपार्टमेंट, अल-अजीजिया और फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट मामलों की जांच में शामिल होने में विफल रहने के लिए भाइयों को अपराधी घोषित किया गया था। हालांकि, मामले की सुनवाई नहीं हो सकी क्योंकि वह विदेश में थे। इस मामले के मुख्य आरोपी उनके पिता नवाज शरीफ को एवेनफील्ड और अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामलों में दोषी ठहराया गया था, लेकिन प्रमुख मामले में बरी कर दिया गया था।
तीनों मामलों में बरी
तीन बार के प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष नवाज शरीफ लगभग चार साल के आत्म-निर्वासन के बाद पिछले साल अक्टूबर में लंदन से पाकिस्तान लौट आए। उन्होंने दो मामलों में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उन्हें बरी कर दिया। इससे उनके बेटों को आरोपों का सामना करने के लिए लंदन से लौटने का साहस मिला।
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अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद 14 मार्च तक हिरासत में रहने के बाद दोनों 12 मार्च को घर लौट आए। जब वह अदालत में पेश हुए तो आखिरकार उन्हें जमानत दे दी गई। जवाबदेही अदालत ने मंगलवार को बरी करने की याचिका पर सुनवाई की। जज नासिर जावेद राणा ने मामले की सुनवाई के बाद तीनों मामलों में दोनों को बरी कर दिया।
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