इस्लामाबाद: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से छह अरब डॉलर के पैकेज की शेष राशि हासिल करने के लिए पाकिस्तान सरकार नये कर वसूलने और पेट्रोल पर कर बढ़ाने के लिए सहमत हो गई है। पाकिस्तान सरकार ने 2019 में आईएमएफ के साथ 39 माह का पैकेज हासिल किया था। पाकिस्तान सरकार को छह अरब डॉलर की रकम किस्तों में मिलनी थी लेकिन अब तक आधी राशि ही मिल पाई है। इस साल फरवरी में आईएमएफ ने पाकिस्तान को किस्त जारी की और उसे मार्च में समीक्षा के बाद अगली किस्त जारी करनी थी लेकिन इसी बीच पेट्रोल-डीजल की सब्सिडी बढ़ने के कारण किस्त रोक दी गई।
शहबाज शरीफ की सरकार ने किस्त दोबारा शुरू करने के लिए आईएमएफ से गुहार की और इसे लेकर स्टाफ स्तर की बातचीत जारी थी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने पैकेज की शेष राशि पाने के लिए आईएमएफ की शर्तो को मान लिया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान सरकार पेट्रोलियम उत्पाद पर कम से कम 50 रुपये का शुल्क लगाने पर राजी हुई है। पेट्रोलियम उत्पाद की कीमतों में यह बढ़ोतरी अगस्त 2022 से शुरू होगी।
इसके अलावा पाक सरकार हर साल 15 करोड़ रुपये से अधिक कमाने वाले लोगों और कंपनियों से एक प्रतिशत, 20 करोड़ रुपये की आय वालों से दो प्रतिशत, 25 करोड़ रुपये कमाने वालों से तीन प्रतिशत तथा 30 करोड़ रुपये कमाने वालों से चार प्रतिशत आयकर सहायता शुल्क वसूलने के लिए राजी हुई है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने कहा कि सरकार प्रति वर्ष छह लाख से 12 लाख रुपये कमाने वालों पर ढाई प्रतिशत का आयकर शुल्क लगाने पर सहमत हुई है।
इस्माइल ने बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आईएमएफ के परामर्श से बजट तय कर लिया गया है और अब आईएमएफ मौद्रिक लक्ष्यों को लेकर स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान से बातचीत करेगा। उन्होंने बताया कि वित्तीय बजट पूर्व अनुमानित 9.5 ट्रिलियन रुपये से कम से कम 400 अरब रुपये अधिक 9.9 ट्रिलियन रुपये तय किया गया है।
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