पटनाः बिहार विधानसभा में मंगलवार को महागठबंधन विधायकों की पिटाई से आहत विपक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सार्वजनिक माफी और पिटाई करने वाले अधिकारियों-पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई को लेकर अड़ गया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को ऐलान किया कि जब तक ऐसा नहीं होता तब तक पूरा विपक्ष पूरे पांच साल तक सदन का बहिष्कार करेगा।
बिहार विधानसभा परिसर में तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्होंने और विपक्ष के तमाम विधायकों ने यह तय किया है कि जब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सार्वजनिक तौर माफी नहीं मांगते और पिटाई करने वाले अधिकारियों एवं पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं करते तब तक पूरा विपक्ष पूरे पांच साल तक सदन का बहिष्कार करेगा। उन्होंने नीतीश कुमार को निर्लज्ज कुमार बताते हुए कहा कि कल बड़ा मजा आ रहा होगा जब सदन में मां-बहन की भद्दी-भद्दी गालियां दी जा रही थी और महिला विधायकों को बाल पकड़ कर घसीटा जा रहा था। इस शर्मनाक घटना के बाद नीतीश कुमार नृत्य-संगीत का आनंद उठा रहे थे। लेकिन, तेजस्वी यादव और बिहार की जनता इस वाकये को भूलने वाली नहीं है।
उन्होंने तीखे लहजे में कहा कि मेरा नाम तेजस्वी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके कठपुतली अधिकारियों को अच्छे से पता होना चाहिए कि कोई भी सरकार स्थायी नहीं होती है। हमारे पास सभी का फुटेज है। जनतंत्र में जनता मालिक होती है। सत्ता किसी की बपौती नहीं है। नीतीश सरकार ने मारपीट की जो असंसदीय परंपरा शुरू करायी है उसका खमियाजा उन्हें भी भुगतना पडेगा। वो दिन भी आयेगा कि यही पुलिस इसी कानून के सहारे नीतीश कुमार को भी घर में घुस कर पीट सकती है। बुधवार सुबह विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने पर मंगलवार को हुई घटना के विरोध में विपक्ष के नेताओं ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया। एक तरफ विधानसभा की कार्यवाही जारी रही और दूसरी तरफ सदन से बाहर विधानमंडल परिसर में विपक्षी विधायक धरने पर बैठे रहे। वे गार्डन एरिया में ही समानांतर सदन चलाने लगे। विपक्षी सदस्यों ने राजद विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार भूदेव चौधरी को स्पीकर बनाकर कार्यवाही शुरू की है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार उसकी आवाज दबाना चाहती है। सदन में अगर विपक्ष की आवाज की अहमियत नहीं तो फिर ऐसे में सदन के अंदर जाकर विपक्षी सदस्य क्या करेंगे।