Featured लाइफस्टाइल हेल्थ

स्वस्थ शरीर ही कर सकता है ओमिक्रोन वैरिएंट को परास्त

body

नई दिल्लीः कोरोना वायरस नए नाम और लक्षणों के साथ फिर लौट रहा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न की संज्ञा दी है और इसका नाम दिया गया है ओमिक्रोन। इसको लेकर दुनियाभर के देश सतर्क होने लगे हैं और भय का माहौल भी फिर से पैर पसारने लगा है। कहा जा रहा है कि ओमिक्रोन की संक्रामकता डेल्टा से भी 3 गुना ज्यादा है। एक बात ध्यान रखने योग्य है कि रोग की संक्रामकता और घातकता में कोई संबंध नहीं होता। कोई रोग बहुत संक्रामक होते हुए भी जीवन के लिए बहुत घातक नहीं होते और कई रोग कम संक्रामक होते हुए भी बहुत घातक होते हैं। संयोग से अब तक जो रिपोर्ट है ओमिक्रोन डेल्टा जितना घातक नहीं लग रहा। कोरोना के पिछले दो संक्रामक लहरों से दुनिया ने इसके बारे में बहुत जानकारी देकर कहा कि इस संक्रमण की शुरुआत ड्राई कोल्ड वेदर में हो रही है। यह वायुजनित (एअरबार्न) संक्रमण है। इसका वायरस श्वसन मार्ग से मनुष्य के अंदर प्रवेश कर रहा है। इसके रोकथाम में सबसे जरूरी संसाधन मास्क है। यदि सभी लोग सार्वजनिक स्थलों पर एवं घर पर भी सबके साथ रहते हुए मास्क लगाएं तो यह वायरस बाहर नहीं निकल पाएगा। जिससे इसका संक्रमण स्वयं बाधित हो जाएगा।

कोरोना महामारी के दौरान स्वस्थ रहना पहली प्राथमिकता
यह संक्रमण संक्रमित के भीतर पहले से उपस्थित किसी रोग की अवस्था को कई गुना बढ़ा देता है और वही पूर्व का रोग घातक साबित होता है। अतः स्वयं को स्वस्थ बनाए रखना अति आवश्यक है। भय और अवसाद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को घटा देते हैं। डरे हुए व्यक्तियों का रोगग्रस्त हो जाना और रोगग्रस्त हो जाने पर उसे न लड़ पाना एक सामान्य बात है। यही कारण है कि मरने वालों में 60 प्रतिशत से ज्यादा वे लोग थे जो निरंतर भयग्रस्त थे।

ओमिक्रोन से लड़ने को इम्यून सिस्टम की एकमात्र हथियार
व्यायाम, योग और साहस को जीवन का हिस्सा बनाया जाय। प्रतिरोधक क्षमता स्वतः ही बनी रहेगी। यह रोग संक्रमित मनुष्यों को होमसिक बना रहा है। यही कारण है कि इसका प्रसार होते देश दूर-दराज में रहने वाले लोग भी घर पहुंचने के लिए बेचैन हो जा रहे हैं और साथ में संक्रमण को भी लेकर आ जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें-NASA ने बनाया एक और कीर्तिमान, सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप को अंतरिक्ष में भेजा !

ओमिक्रोन के लक्षण
संक्रमण के 3 से 7 दिन के अंदर लक्षणों का दिखाई पड़ना। कभी-कभी बिना लक्षण के भी टेस्ट करवाने पर वायरस का मिलना। कोरोना के अन्य वैरिएंट की तरह लक्षण, किंतु माइल्ड प्रभाव वाले। गले में खराश, हल्का सर्दी, जुकाम और खांसी। हल्का से तेज बुखार, सुस्ती, कमजोरी और बदन दर्द, अपच, पेट दर्द और डायरिया।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर  पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)