नई दिल्लीः कर्नाटक में मिली प्रचंड जीत बाद से कांग्रेस लगातार सुर्खियों में बनी हुई। राज्य में सत्ता हालिस करने के बाद से कांग्रेस ने भाजपा पर हमले तेज कर दिए हैं। इस बीच सोमवार को कांग्रेस ने भाजपा को भ्रष्ट बताते हुए कर्नाटक विधानसभा का गोमूत्र से शुद्धिकरण किया। सिद्धारमैया के कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद पार्टी नेताओं और कार्यकार्ताओं ने कहा- भाजपा के भ्रष्ट शासन के अंत के बाद विधानसभा को गोमूत्र से साफ और शुद्ध किया गया”।
बता दें कि कर्नाटक के मौजूदा डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने जनवरी में चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा था कि विधान सौध (विधानसभा) को गोमूत्र से “शुद्ध” करने का समय आ गया है। शिवकुमार ने कहा था कि हम विधान सौधा को साफ करने के लिए कुछ विवरण लेकर आएंगे। मेरे पास शुद्धिकरण के लिए कुछ गंजला (गोमूत्र) भी है। शिवकुमार ने आरोप लगाया कि भाजपा के शासन के दौरान विधानसभा भ्रष्टाचार से प्रदूषित हुई थी।
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कांग्रेस ने भाजपा पर लगाएं गंभीर आरोप
चुनाव से कुछ दिन पहले 5 मई को कर्नाटक कांग्रेस एक द्विभाषी ‘भ्रष्टाचार दर कार्ड’ लेकर आई, जिसमें तत्कालीन सत्तारूढ़ भाजपा सरकार द्वारा किए गए विभिन्न ‘घोटालों’ की ओर इशारा करते हुए कन्नड़ और अंग्रेजी दोनों में जारी किया था। साथ ही तत्कालीन विपक्षी दल ने भाजपा सरकार पर बड़ा आरोप लगाया था। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि सत्ता में भाजपा ने राज्य में 1,50,000 करोड़ रुपये जनता से लूटे थे। कांग्रेस ने ‘भ्रष्टाचार रेट कार्ड’ में कहा कि मुख्यमंत्री पद पर 2500 करोड़ और मंत्री पद पर 500 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस ने बीजेपी की ‘डबल इंजन सरकार’ को ‘ट्रबल इंजन सरकार’ करार दिया था।
सिद्धारमैया के साथ 8 मंत्रियों ने शपथ
इसके साथ ही रेट कार्ड पर कमीशन भी अंकित था। जिसमें लिखा था कि सरकार अलग डील की मांग करती है। यह मूक अनुदान के लिए 30 प्रतिशत कमीशन के साथ शुरू होता है, सड़क अनुबंधों के लिए 40 प्रतिशत और कोविड-19 आपूर्ति के लिए 75 प्रतिशत तक जाता है। कर्नाटक में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में 135 सीटें जीतने के बाद सिद्धारमैया ने दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख डीके शिवकुमार ने उनके डिप्टी के रूप में शपथ ली। इन दोनों के अलावा आठ कांग्रेस नेताओं ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। सिद्धारमैया सरकार को अभी 24 अन्य मंत्रियों का चयन करना है।
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