लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को सिक्किम की राजधानी गंगटोक में सीपीए भारत क्षेत्र के 19वें वार्षिक जोन III सम्मेलन के समापन सत्र को सम्बोधित किया। सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष और सीपीए भारत क्षेत्र जोन-III के अध्यक्ष पासंग डी. सोना, सिक्किम विधानसभा के अध्यक्ष अरुण कुमार उप्रेती, भारत के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारी, संसद सदस्य, सिक्किम विधानमंडल के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर मौजूद रहे।
अपने भाषण में बिरला ने सीपीए भारत क्षेत्र ज़ोन III की विधायी संस्थाओं के बीच नियमित चिंतन-मंथन में सक्रिय भूमिका की सराहना की। बिरला ने कहा कि अपार संभावनाओं से परिपूर्ण पूर्वोत्तर क्षेत्र व्यापक चर्चा संवाद के माध्यम से क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान निकाल रहा है और देश की विकास यात्रा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
सम्मेलन के लिए तीन विषयों अर्थात ‘संसद और विधान सभाओं को जनता के लिए अधिक सुलभ बनाना’, मादक पदार्थों का सेवन एवं इस समस्या से निपटने के लिए भावी योजना और ‘साइबर बुलिंग’ के विषय में बिरला ने कहा कि क्षेत्र के सभी राज्यों के संदर्भ में ये तीनों ही विषय बहुत प्रासंगिक हैं और इन पर गहन चर्चा की गई है। सम्मलेन के दूसरे विषय पर बिरला ने कहा कि मादक पदार्थों का सेवन निश्चित रूप से एक राष्ट्रीय समस्या है। यह एक बॉर्डरलेस क्राइम है, जो इस समस्या को अत्यंत चुनौतीपूर्ण बना देता है।
साइबर-बुलिंग के विषय में बिरला ने असम सरकार के सुरक्षा अभियान के लिए यू-रिपोर्ट, इंटरेक्टिव डिजिटल टूल की प्रशंसा की और इस पहल को अन्य राज्यों में लागू किए जाने पर ज़ोर दिया। बिरला ने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और एक-दूसरे से सीखने के लिए एक मंच उपलब्ध कराते हैं। बिरला ने सभी से आग्रह किया कि वे नीतियों और कानूनों में सुधार और समय के अनुसार बदलाव करें ताकि आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए कानूनी तंत्र को मजबूत बनाया जा सके। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो साइबर बुलिंग से निपटने के लिए कठोर कानून पारित किए जाएंगे।
अपने समापन भाषण में सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कहा कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ एक समुदाय के रूप में लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के उच्चतम मानकों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ मिलकर काम करता है। यह सदस्यों के बीच नियमित परामर्श, विचारों और सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए एक मशीनरी प्रदान कर राष्ट्रमंडल देशों के सांसदों की सेवा के लिए एक संघ के रूप में अपनी भूमिका निभा रहा है।
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