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वर्ल्ड ओबेसिटी डे : भारत में एक दशक से महामारी का रुप ले रहा मोटापा

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कानपुरः मोटापा शरीर में अत्यधिक चर्बी जमा होने से होने वाली गम्भीर बीमारी है जो अधिक भोजन करने व कम शारीरिक श्रम करने से पैदा होती है। मोटापा अनुवांशिक या वातावरण के प्रभाव से भी हो सकता है। भारत वर्ष में मोटापा बढ़ने के कारणों में बढ़ती आमदनी, नौकरों का चलन, रिमोट या लिफ्ट आदि का बढ़ावा प्रचलन और पैदल चलने की जगह मोटर साइकिल या कार का इस्तेमाल प्रमुख कारण है। पिछले एक दशक से मोटापा भारत वर्ष में महामारी का रूप ले चुका है। दिल्ली जैसे शहर में हर दूसरा व्यक्ति मोटा है हर तीसरे व्यक्ति को ब्लडप्रेशर की शिकायत है और दुनिया में सबसे ज्यादा मधुमेह रोगी भारत वर्ष में पाये जाते हैं। यह बातें शुक्रवार को वर्ल्ड ओबेसिटी डे पर आईएमए कानपुर के अध्यक्ष डा. बृजेन्द्र शुक्ला ने पत्रकार वार्ता में कही।

उन्होंने बताया कि मोटापे से विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं जिसमें डायबटीज, रक्तचाप, हार्टअटैक, आर्थराइटिस, पित्ताशय की पथरी, लीवर की खराबी, बांझपन व कैंसर जैसे गम्भीर रोग हो सकते हैं। जीवन शैली में बदलाव, सादा भोजन और दैनिक व्यायाम, द्वारा मोटापे से बचा जा सकता है एक बार मोटा होने पर नियंत्रित खान-पान व विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह से व्यायाम व दवायें शरीर को चुस्त दुरस्त रखने में सहायक हो सकती है। विशेष तौर पर बच्चों पर बढ़ते मोबाइल के प्रचलन के वजह से जैसे बच्चों में फिजिकल एक्टिविटी बहुत ही कम हो गयी है बच्चे आउटटोर खेलों के बजाय मोबाइल पर ही गेम खेलना पसंद करते हैं जिसकी वजह से बच्चों में मोटापा अनियंत्रित रूप से बढ़ रहा है।

डॉ. रघुवीर माथुर ने बताया कि पेट पर जमी चर्बी शरीर के लिए बेहद घातक होती है। कमर का नाप 100 सेंटीमीटर बढ़ने से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा तीन गुना व हृदय रोग की सम्भावना पांच गुना तक बढ़ जाती है। 30-35 वर्ष के उम्र के पुरूषों में पेट के चारों ओर चर्बी जमने लगती है। शोध में यह साबित हो गया है कि जिन पुरूषों में बैलीफैट (पेट पर चर्बी) ज्यादा होती ही उनमें कोरोनरी आटरी डिसीज सी.ए.डी (हृदय रोग), डिप्रेशन डिमेशिया (याददाश्त कम होना) जैसी बीमारियों की होने की सम्भावना छह गुना बढ़ जाती है।

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आईएमए कानपुर के सचिव डॉ. देवाज्योति देवराय ने बताया कि संतुलित आहार व समय से भोजन व नियमित व्यायाम से वजन व स्वास्थ्य ठीक रखा जा सकता है। उन्होंने मोटापे जैसी गंभीर समस्या से निपटने के लिए ज्यादा जानकारी व समय से इलाज पर बल दिया। सिर्फ वजन पर नियंत्रण रखने से शरीर की विभिन्न बीमारियों से बचाकर स्वस्थ व दीर्घायु रहा जा सकता है।