मीरजापुर : जिले के हलिया विकास खंड के आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़े अतिकुपोषित और कुपोषित बच्चों, धात्री व गर्भवती महिलाओं को समय से पुष्टाहार नहीं मिल पा रहा, जिससे उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। समय से पुष्टाहार नहीं मिलने से लाभार्थियों में आक्रोश व्याप्त है।
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हलिया ब्लाक के 204 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 743 अतिकुपोषित (सैम) और दो हजार 186 बच्चे कुपोषित (मैम) की श्रेणी में हैं। बाल विकास पुष्टाहार विभाग के मानक के अनुसार अतिकुपोषित बच्चों को प्रतिदिन 800 कैलोरी और 20 से 25 ग्राम प्रोटीन मिलना चाहिए। लेकिन जब पुष्टाहार ही समय से नहीं मिलेगा तो मानक कैसे पूरा होगा। समय से पुष्टाहार नहीं मिलने से अतिकुपोषित और कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में कैसे सुधार होगा। इसे लेकर बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग पर सवालिया निशान लग रहा है।
विकास खंड के आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शासन की ओर से बारह आंगनबाड़ी केंद्रों का आधुनिकीकरण करने के लिए कवायद भी शुरू कर दी गई है। सीडीपीओ विकास कुमार शुक्ल ने बताया कि विकास खंड के आंगनबाड़ी केंद्र वीरपुर, गुंगिया, अहुगी कलां, हलिया तृतीय, भटवारी प्रथम, भटवारी द्वितीय, दिघिया प्रथम, डोहर, बरी प्रथम, बिमौरी, मवई खुर्द, देवघटा पांडेय का आधुनिकीकरण करवाया जा रहा है। इन आंगनबाड़ी केंद्रों पर थ्रीडी पेंटिंग, फर्नीचर, आलमारी, टेलीविजन सेट, माडर्न और रूचिकर अध्ययन सामग्री, खिलौने और सेनिटाइजेशन से जुड़े सामानों को आगामी सितंबर माह तक उपलब्ध कराया जाएगा।
बाल विकास परियोजना अधिकारी विकास कुमार शुक्ला ने बताया कि फरवरी 2022 तक का पुष्टाहार बीते जून माह में नैफेड के माध्यम से लाभार्थियों में वितरित करवाया गया था। लाभार्थियों की तुलना में पुष्टाहार कम मिलता है जिसे बढ़ाए जाने की जरूरत है। महुगढ़ गांव में समूह के माध्यम से पुष्टाहार निर्माण इकाई से तैयार पुष्टाहार को समूह की महिलाओं द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरित किया जाएगा। पुष्टाहार निर्माण इकाई से लाभार्थियों को अभी तक पुष्टाहार नहीं मिल सका है। लाभार्थियों को जल्द से जल्द पुष्टाहार मिल सके इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
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