Home उत्तर प्रदेश पहले विद्यालय आने से डरते थे बच्चे, अब विद्यार्थियों की बढ़ी संख्याः...

पहले विद्यालय आने से डरते थे बच्चे, अब विद्यार्थियों की बढ़ी संख्याः CM योगी

cm-yogi-adityanath

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले बच्चे बेसिक शिक्षा विद्यालयों में जाने से डरते थे, लोगों में उत्साह नहीं था। स्कूलों में पेड़ों की जगह झाड़ियाँ जमा हो जाती थीं। आज उन विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है। माता-पिता अपने बच्चे को स्कूल भेजना चाहते हैं। उसके मन में जिज्ञासा उत्पन्न हो गई। पिछले 06 वर्षों में 55 से 60 लाख अतिरिक्त बच्चे बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में आये हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को शिक्षा सत्र 2023-24 में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को ड्रेस, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा और स्टेशनरी खरीदने के लिए प्रति छात्र 1200 रुपये की धनराशि उनके अभिभावकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से जारी की। इस अवसर पर सीएम ने कहा कि आज बेसिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 01 करोड़ 91 लाख से अधिक हो गयी है। जब मैं यह संख्या देखता हूं तो मुझे लगता है कि कई देशों की जनसंख्या तो इतनी भी नहीं है। पिछले 06 वर्षों में समग्र विकास की भावना को साकार करते हुए उत्तर प्रदेश में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने का प्रयास किया गया है।

गरीबी उन्मूलन में एक प्रमुख पैरामीटर साबित हुई शिक्षा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नीति आयोग की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को गरीबी से मुक्त करने के लक्ष्य को हासिल करने में मिली सफलता एक बड़ी उपलब्धि है। उत्तर प्रदेश गरीबी से मुक्ति पाने वाले सक्षम हो हैं। नीति आयोग द्वारा निर्धारित मापदण्डों में शिक्षा पहला मापदण्ड था। शिक्षा के क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन की दिशा में कदम उठाए गए हैं और आने वाले 5-10 वर्षों में इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे। इसके लिए उन सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को धन्यवाद जिन्होंने आगे आकर इसे नेतृत्व दिया, जिसका परिणाम आज सभी देख रहे हैं। विशेषकर आकांक्षी जिलों में शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव आया है। इसके लिए वे सभी विभाग जिन्होंने इसे मिषन बनाकर कर योगदान दिया है। वह सभी धन्यवाद के पात्र हैं।

डीबीटी के माध्यम से जारी होने वाली राशि की निगरानी करें शिक्षक

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनिफॉर्म, जूते-मोजे और स्टेशनरी के लिए जो पैसा डीबीटी के माध्यम से भेजा गया है, उसमें यह सुनिश्चित करना भी हमारे शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि बच्चे यूनिफॉर्म में नियमित रूप से स्कूल आएं। उम्मीद है कि हर शिक्षक बच्चे के लिए यूनिफॉर्म बनवाने के लिए अभिभावकों के साथ बैठक करेंगे, ताकि समय सीमा के अंदर बच्चे को यूनिफॉर्म, किताबें, जूते और मोजे मिल सकें। दो-तीन साल पहले तक शिकायतें आती थीं कि यूनिफॉर्म नहीं मिलती, किताबें नहीं मिलतीं। आज पैसा अभिभावक के खाते में जा रहा है, जो पारदर्शिता का उदाहरण है। इसकी मॉनिटरिंग विद्यालय स्तर पर प्रधानाचार्य और शिक्षकों के माध्यम से की जाए। जब अभिभावकों से संवाद होगा तो समस्या का समाधान होने के साथ ही सही आंकड़े भी सामने आ जाएंगे कि वास्तव में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कितने बच्चे पढ़ रहे हैं। इसी तरह, जो बच्चे बीच में ही स्कूल छोड़ देते हैं, उनके लिए माता-पिता से बात करना हमारी जिम्मेदारी बनती है। यदि इन बच्चों को शिक्षित किया जाएगा तो वे सकारात्मक योगदान दे सकेंगे।

ये भी पढ़ें..Bihar: चुनावी मैदान में उतरने से पहले संतुलित टीम उतारने में…

06 वर्षों में 1.64 लाख शिक्षकों की भर्ती हुई

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2017 से पहले क्या स्थिति थी, शिक्षकों की भारी कमी थी। मुझे आश्चर्य है कि कुछ लोग पिछले 5 वर्षों से शिक्षकों की भर्ती नहीं होने की बात करते हैं। पिछले 06 वर्षों में बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा परिषद में एक लाख 64 हजार शिक्षकों की भर्ती की गयी है। जो सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जहां अतिरिक्त शिक्षकों की आवश्यकता है, वहां इस प्रक्रिया को लगातार आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए राज्य के अंदर एक शिक्षा आयोग के गठन की प्रक्रिया फिलहाल प्रचलन में है और बहुत जल्द हम इसका गठन करने जा रहे हैं। इसके साथ ही शिक्षकों के लिए समय-समय पर रिफ्रेशर कोर्स आयोजित किये जाने चाहिए। यदि शिक्षक अपडेट है तो वह पूरी पीढ़ी को अपडेट करेगा। हमारा प्रयास होना चाहिए कि डायट खाली न रहे, योग्य शिक्षक जाएं। उन्हें अतिरिक्त सुविधाएं दें। शिक्षकों को और अधिक कुशल बनाने के लिए जो भी कमी है उसे पूरा करना होगा। आज यहां जिन पुस्तकों का विमोचन किया गया है, उन्हें हर स्कूल में उपलब्ध कराया जाना चाहिए और शिक्षकों को भी उन्हें पढ़ना चाहिए।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

Exit mobile version