नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मकान खरीददारों और बिल्डरों के लिए पूरे देश में एक मॉडल बिल्डर-बायर एग्रीमेंट बनाने की मांग पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि बिल्डर की तरफ से बनाए जाने वाले एग्रीमेंट में कई अस्पष्ट शर्तें होती हैं। जिनके चलते बाद में खरीदार को नुकसान उठाना पड़ता है।
इसके पहले सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि बीस राज्यों ने अपने यहां ऐसे एग्रीमेंट बनाए हैं। हमें देखना होगा कि क्या केंद्र अपनी तरफ से कोई मॉडल एग्रीमेंट बना सकता है। इस मामले पर कुल 125 लोगों ने याचिका दायर की है। याचिका दायर करनेवालों में कुछ लोग कर्नाटक के हैं जिन्होंने अलग-अलग बिल्डरों से अपनी परेशानी बताई है। याचिकाकर्ताओं में भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय भी हैं जिन्होंने पूरे देश की समस्या उठाई है। इन याचिकाओं में मांग की गई है कि कोर्ट केंद्र को मॉडल बिल्डर बायर एग्रीमेंट बनाने को कहे।
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याचिकाओं में कहा गया है कि मकान खरीदते समय बिल्डर कई पन्नों का काफी विस्तृत एग्रीमेंट खरीददार के सामने रख देते हैं। इस एग्रीमेंट को पढ़ना और समझना एक सामान्य खरीददार के लिए संभव नहीं होता है। वह मजबूरन उस एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर कर देता है। उस एग्रीमेंट की शर्तें पूरी तरीके से बिल्डर का पक्ष ले रही होती हैं और बाद में मकान पाने में देरी या दूसरी दिक्कतों पर खरीददार कानूनी कार्रवाई भी नहीं कर पाता है।