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उज्जैन में एक भी ग्रीन हॉस्पिटल नहीं, दर-दर भटक रहे अन्य रोगों के मरीज

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उज्जैनः शहर के सभी प्राइवेट नर्सिंग होम्स एवं हॉस्पिटल्स इस समय कोरोना पॉजिटिव, संदिग्ध मरीजों के उपचार में लगे हुए हैं। हालात ये हैं कि इस बीमारी से इतर अन्य बीमारियों के उपचार के लिए कोई हॉस्पिटल तैयार नहीं है। सभी का कहना है कि कोविड के कारण संक्रमण का खतरा रहेगा। यह कहकर ऑपरेशन तक टाले जा रहे हैं।

शहर में गत वर्ष कोविडकाल के दौरान जिला प्रशासन ने सभी प्राइवेट नर्सिंग होम्स/हॉस्पिटल्स में कोविड मरीजों के लिए कुछ बेड आरक्षित किए थे वहीं अन्य बीमारियों के लिए बेड रखने के निर्देश दिए थे। बाद में जब कतिपय संचालकों ने केवल कोविड मरीजों को ही भर्ती करना शुरू किया तो प्रशासन ने ग्रीन हॉस्पिटल घोषित कर दिए थे। ताकि अन्य बीमारियों से पीड़ित गंभीर मरीजों को उपचार में समस्या न आए।

एक बार फिर शहर में यही मांग तेजी से उठ रही है। कोविड से इतर बीमारियों से पीड़ित गंभीर मरीजों के परिजनों ने बातचीत में बताया कि किसी को हार्ट की समस्या है तो किसी को किडनी, लीवर, प्रोस्टेट, आंत, ब्रेन या अन्य किसी अन्य गंभीर बीमारी की। ऐसे मरीजों को डॉक्टर फोन पर तो देख रहे हैं लेकिन किसी हॉस्पिटल में भर्ती नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि हॉस्पिटल में बेड खाली नहीं है। यदि बेड मिल भी रहा है तो कोविड नाम पर ऐसी बीमारियों के विशेषज्ञ डॉक्टर्स हॉस्पिटल आने में कतरा रहे हैं।

बीती रात हुआ ऐसा ही हादसा-

बीती रात शनिवार को विपिन त्रिवेदी, राज रायल्स कॉलोनी की गंभीर रूप से तबीयत खराब हुई। किसी हॉस्पिटल ने उन्हे भर्ती नहीं किया। परिजन भटकते रहे। उनका उपचार जो डॉ.अमित भार्गव कर रहे थे क्योंकि वे हार्ट के भी मरीज हैं। परिजनों का आरोप है कि वे भी तीन दिन से मोबाइल नहीं उठा रहे थे। ऐसी स्थिति में रात्रि 12 बजे एक डॉ. शशांक रावत से रिक्वेस्ट की गई और उन्होंने वीडियो कालिंग पर मरीज को देखा, उसके हाल जाने तथा दवाइयां लिखीं, जिसे परिजन बाजार से लाए और मरीज को दीं। एक और उदाहरण एक अन्य हॉस्पिटल का है। यहां भर्ती एक मरीज को किडनी का विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा सही उपचार नहीं मिल पाया जिसके चलते आज उनका निधन हो गया।

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अभी तो कोविड प्राथमिकता पर है: सीएमएचओ

इस संबंध में बातचीत में सीएमएचओ डॉ. महावीर खण्डेलवाल ने कहाकि इस समय सिर्फ कोविड प्राथमिकता पर है। लेकिन प्रशासन ने प्राइवेट नर्सिंग होम्स/हॉस्पिटल्स में कोविड के सारे पलंग नहीं लिए हैं। अन्य बीमारियों के लिए पलंग रखे गए हैं। उपचार हो रहा है। संबंधित डॉक्टर्स को चाहिए कि वह अपने मरीजों को भर्ती करवाए। कोई यदि भर्ती नहीं करता है तो हमें शिकायत करें, कार्रवाई करेंगे।