नई टिहरीः भारतीय स्टेट बैंक भागीरथीपुरम में गबन व बैंक के खाताधारकों के खातों से धोखाधड़ी कर 81.68 लाख रुपये हड़पने वाले बैंक कैशियर विनय पाल सिंह नेगी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गुरुवार देर शाम इस मामले में नई टिहरी थाने में ब्रांच मैनेजर विपिन गौतम की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत किया गया था।
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शुक्रवार को एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि ब्रांच मैनेजर की तहरीर पर कल बैंक के कैशियर विनय पाल सिंह नेगी (30) पुत्र धीरज पाल सिंह नेगी, निवासी ग्राम तल्ली बागी बीपुरम के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था। नेगी पर आरोप है कि बैंक के कैशवाॅल्ट से 13 लाख 50 हजार रुपये का गबन किया। इसके साथ ही बैंक के ग्राहकों के खातों से कूटरचित फर्जी प्रपत्र तैयार कर अलग अलग खाताधारकों के फर्जी हस्ताक्षर व अंगूठा निशान लगाकर 68 लाख 18 हजार 124 रुपये निकाल लिए हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह से आरोपित विनय ने 81 लाख 68 हजार 124 रुपये गबन का गबन किया है। एसएसपी नवनीत सिंह ने बताया कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपित विनय को शुक्रवार सुबह गिरफ्तार कर लिया है।
कैशियर के बैंक खातों की होगी जांच
एसएचओ कमल मोहन भंडारी ने बताया कि आरोपित के पास से कोई नगदी बरामद नहीं हुई है। आरोपित के बैंक खातों की जांच की जायेगी। अभी तक किसी अन्य की मिलीभगत सामने नहीं आई है। पुलिस ने बताया कि इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है।
गबन का पैसा शेयर मार्केट में लगाता था कैशियर
पैसा कमाने के लालच में एसबीआई भागीरथीपुरम के कैशियर विनय पाल सिंह नेगी ने बैंक को ही नहीं, बल्कि खातेधारकों को भी जमकर चूना लगाया। वह लगभग एक साल से इस खेल में लगा था। बताया गया कि गबन और खातेधारकों का पैसा हड़प कर वह शेयर मार्केट में लगाता था।
कम लिखे पढ़े लोगों के खाते से निकालता था धन
पुलिस के अनुसार पूछताछ में आरोपित ने स्वीकारा कि कैश वाल्ट की चाबी भी कैशियर के पास ही रहती थी, जिसका फायदा उठाकर उसने वाल्ट से 13 लाख 50 हजार रुपये निकाल लिए थे। पुलिस के अनुसार कैशियर ज्यादातर उन खातेधारकों के खातों से उनके फर्जी अंगूठा निशान बनाता था, जो कम पड़-लिखे थे और कैशियर के जानने वाले थे। कैशियर खुद ही उनको अंगूठा या हस्ताक्षर बनाकर बाउचर भरता था और खुद ही उनके बाउचर को अप्रुवल कर उनके खाते से पैसे निकाल लेता था। एक-दो दिन पहले ही बैंक के खातेधारकों ने बैंक मैनेजर से शिकायत की थी कि उनके खातों से पैसे कम हो गये हैं। जिसकी जांच करने पर कैशियर की कारस्तानी सामने आई।
जिले में गबन का यह तीसरा मामला
बीते तीन सप्ताह में बड़ी सरकारी धनराशियों के गबन के तीन मामले सामने आ चुके हैं। इससे पहले कोषागार टिहरी में 2.21 करोड़ व कोषागार नरेंद्रनगर में 2.48 करोड़ की धनराशि गबन करने का मामला प्रकाश आ चुका है। कोषागारों में गबन के मामलों में पुलिस अब तक कई गिरफ्तारियां कर चुकी है।
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