वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने वाराणसी और चंदौली जिले के पंडित दीन दयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन को जोड़ने के लिए गंगा नदी पर एक नए रेल-सह-सड़क पुल (Signature Bridge) के निर्माण को मंजूरी दे दी है। प्रस्तावित सिग्नेचर ब्रिज की डीपीआर को भी अंतिम रूप दे दिया गया है। सरकार ने वाराणसी-पं. दीन दयाल उपाध्याय मल्टीट्रैकिंग के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है। इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 2,642 करोड़ रुपये (लगभग) है और इसे चार साल में पूरा किया जाएगा।
एक किलोमीटर से ज्यादा लंबा होगा पुल
यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया के विजन के अनुरूप है, जो इस क्षेत्र में व्यापक विकास के जरिए क्षेत्र के लोगों को आत्मनिर्भर बनाएगी। जिससे उनके रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। गौरतलब है कि सिग्नेचर ब्रिज को 150 साल के हिसाब से डिजाइन किया गया है यह पुल काशी राजघाट स्थित काशी रेलवे स्टेशन के दूसरे प्रवेश द्वार के करीब होगा। यह पुल एक किलोमीटर से ज्यादा लंबा होगा।
अश्विनी वैष्णव साझा की पूरी जानकारी
उत्तर प्रदेश के दो जिलों को कवर करने वाली इस परियोजना से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में करीब 30 किलोमीटर की बढ़ोतरी होगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने चार लेन के रेलवे ट्रैक और उसके ऊपर छह लेन की सड़क का खाका भी साझा किया है। राजघाट स्थित 137 साल पुराने मालवीय पुल के समानांतर 50 मीटर बनने वाला यह पुल काशी, चंदौली, बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को सीधे जोड़ेगा। नए पुल पर ट्रेनें और मालगाड़ियां 100 की रफ्तार से चलेंगी।
गौरतलब है कि वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने उत्तर रेलवे, नगर निगम, जलकल, बिजली, वीडीए, पीडब्ल्यूडी, कमिश्नरेट पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी विभाग आपसी समन्वय से पुल के निर्माण में सहयोग करें।
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रेलवे का अहम हिस्सा है वाराणसी रेलवे स्टेशन
यह रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे का अहम केंद्र है तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। वाराणसी-पंडित दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) जंक्शन मार्ग, जो यात्री और माल यातायात दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, कोयला, सीमेंट और खाद्यान्न जैसे सामानों के परिवहन के साथ-साथ बढ़ते पर्यटन और उद्योग की मांगों को पूरा करने में अपनी भूमिका के लिए एक मील का पत्थर है।
नया पुल दोनों स्टेशनों पर भीड़भाड़ कम करेगा। इस रेल खंड की भीड़भाड़ कम करने के अलावा, प्रस्तावित खंड पर 27.83 MTPA का माल यातायात होने का अनुमान है। यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी पर पीएम-गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम है, जिसे समन्वित योजना के माध्यम से संभव बनाया गया है और यह लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
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