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UP Police: कार्यभार संभालते ही एक्शन में DGP विश्वकर्मा, अपराधियों की अब खैर नहीं

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लखनऊः यूपी के कार्यवाहक डीजीपी के रूप में कार्यभार संभालते ही आरके विश्वकर्मा एक्शन में है। मीडिया के साथ अपनी पहली बातचीत में नए डीजीपी आरके विश्वकर्मा ने पुलिसिंग में प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों से राज्य के माफियाओं की एक लॉन्ड्री सूची तैयार करने के लिए कहा जिसमें उनके रिश्तेदारों के आपराधिक नेटवर्क व संपत्ति का विवरण हो।

इसके साथ ही नये डीजीपी विश्वकर्मा ने कहा कि यूपी पुलिस निकाय चुनाव को सम्पन्न कराने के साथ ही माफियाओं का डाटाबेस भी तैयार करेगी। कुख्यात अपराधियों के डाटाबेस में तो आवाज से लेकर डीएनए जांच तक से संबंधित साक्ष्य भी एकत्र किए जाएंगे। इसके साथ ही डीजीपी ने शनिवार को पुलिस मुख्यालय में स्थित सभागार में इंस्टीट्यूट के निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा भी की। डीजीपी ने कहा कि फोरेंसिक इंस्टीट्यूट को विश्व स्तरीय एडवांस्ड स्किल इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा। इसके साथ डीजीपी ने कहा कि इसके सभी केार्स रोजगारपरक ही रखे जाएंगे।

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में पीएचडी हैं विश्वकर्मा

नये बने डीजीपी विश्वकर्मा, आईआईटी-दिल्ली से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में पीएचडी हैं और आईआईटी-रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग स्नातक हैं। प्रौद्योगिकी का उपयोग करने और यूपी पुलिस में तकनीकी सुधार लाने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने एसडीआरएफ के गठन, यूपी में मेट्रो रेल के लिए पीएसी द्वारा सुरक्षा प्रदान करने और यूपी इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अधिकारी ने कहा कि मेरी सर्वाेच्च प्राथमिकता नागरिकों की सेवा करना और जरूरतमंद और असहाय लोगों की मदद करना होगा।

शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्हें यह कहते हुए गर्व होता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के पास अत्याधुनिक पुलिस आपातकालीन सेवा है, जो दुनिया की सबसे अच्छी और आधुनिक प्रणाली है। यूपी पुलिस के पास विश्व स्तरीय फॉरेंसिक लैब है। पिछले कई वर्षों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पुलिस विभाग को उपलब्ध कराए गए बजट व संसाधनों सेयूपी पुलिस को विश्व स्तरीय और आधुनिक पुलिस बल बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। डीजीपी ने कहा, इसे आगे ले जाना और प्रौद्योगिकी उन्मुख पुलिसिंग को बढ़ावा देना। लेकिन उस दिशा में भी बहुत काम किया जाना है।

जीरो टोलरेंस की नीति पर आगे बढ़ेगी यूपी पुलिस

विश्वकर्मा ने कहा कि राज्य बल में 36,000 महिला पुलिस कांस्टेबल उपलब्ध हैं, और हमें इन महिला कांस्टेबलों पर गर्व है। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पुलिस की प्राथमिकता है। अधिकारी ने कहा कि राज्य के थानों में साइबर हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं और यूपी पुलिस अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत काम करेगी। विश्वकर्मा, जो 1988 में आईपीएस में शामिल हुए और प्रयागराज में एडिशनल एसपी के रूप में पहली बार काम करना शुरू किया, ने पीएसी की बंद 40 कंपनियों को फिर से खोलकर एक मजबूत स्थिति में ला दिया।

डीजी भर्ती बोर्ड के रूप में विश्वकर्मा के कार्यकाल के तहत, यूपी पुलिस ने विभिन्न रैंकों पर 1.5 लाख से अधिक पुलिसकर्मियों की भर्ती करने का रिकॉर्ड बनाया। एडीजी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, अधिकारी ने 2017-2019 से पीएसी का नेतृत्व किया जब इसकी कंपनियों को बहाल किया गया था, जबकि एडीजी, तकनीकी सेवाओं के रूप में उनके कार्यकाल में, राज्य का पहला फोरेंसिक संस्थान औपचारिक रूप से स्थापित किया गया था।

1999-2000 में, अधिकारी एसपी के रूप में कोसोवो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के साथ प्रतिनियुक्ति पर गए थे। डीआईजी के रूप में विश्वकर्मा ने 2006 से 2012 तक बीएसएफ और सीआरपीएफ के साथ भी काम किया था। 2000 में, वह न्यूयॉर्क पुलिस आयुक्तालय और अमेरिका में नेवार्क में प्रशिक्षण के लिए गए थे। सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस मेडल एवं विषिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस मेडल, बीएसएफ व सीआरपीएफ का प्रशंसा चिन्ह, पुलिस महानिदेशक यूपी का प्रशंसा चिन्ह प्लेटिनम व अति उत्कृष्ट सेवा मेडल मिला है।

(रिपोर्ट- पवन सिंह चौहान, लखनऊ)

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