वाराणसीः नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा 40 सदस्यीय दल के साथ एक दिवसीय दौरे पर रविवार को वाराणसी पहुंचे। बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विमान विमानतल पर जैसे ही उनका विशेष विमान उतरा, पहले से वहां मौजूद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुष्पगुच्छ देकर गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। नेपाल के प्रधानमंत्री और उनके साथ आये प्रतिनिधिमंडल का स्वागत महापौर मृदुला जायसवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य, राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल, विधायक अवधेश सिंह ने कतारबद्ध होकर किया। दल में प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की पत्नी आरजू राणा देउबा भी शामिल हैं।
नेपाल के प्रधानमंत्री श्री @SherBDeuba जी का बाबतपुर एयरपोर्ट, वाराणसी पर स्वागत करते मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी pic.twitter.com/WOof5z3s9L
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) April 3, 2022
बाबतपुर एयरपोर्ट से नेपाल के प्रधानमंत्री का काफिला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ आगे बढ़ा तो शहर में कुल 15 जगहों पर उनके सम्मान और स्वागत के लिए लोकनृत्य और संगीत का कार्यक्रम शुरू हो गया। जगह-जगह लोग भारत और नेपाल का राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए मेहमान प्रधानमंत्री के प्रति आदर भाव दिखाते रहे। शहर के प्रमुख स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और लोकनृत्य देख प्रधानमंत्री देउबा भी खुश दिखे। बताते चलें, वाराणसी में नेपाल के प्रधानमंत्री देउबा के पहुंचने से पहले ही मयूर नृत्य, दीवारी, पाईडंडा लोकनृत्य शुरू हो गया है। एयरपोर्ट मार्ग पर सरायकाजी बस स्टैंड पर सोनभद्र के आदिवासी लोकनृत्य का प्रदर्शन करते रहे।
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तरना स्थित सेठ जयपुरिया स्कूल के गेट पर नटवरी लोक नृत्य, संत अतुलानंद तिराहा पर सोनभद्र का ही आदिवासी नृत्य, सर्किट हाउस पर बुंदेलखंड का राई नृत्य, पुलिस लाइन चौराहा पर अवध का धोबिया और पूर्वांचल का फरुवाही लोकनृत्य का आयोजन हुआ। प्रधानमंत्री देउबा का काफिला कचहरी और ताज होटल तिराहे पर पहुंचा तो आदिवासी और मयूर लोकनृत्य से उनका स्वागत किया गया। चौकाघाट पर मसक बीन और धोबिया लोकनृत्य, लहुराबीर क्रॉसिंग पर लोकनृत्य, मैदागिन चौराहे पर मयूर नृत्य और बम रसिया (नगाड़ा) की प्रस्तुति हुई। इसके बाद प्रधानमंत्री देउबा का काफिला कालभैरव तिराहा पहुंचा तो लोक कलाकारों ने शहनाई और ढेढिया लोकनृत्य से उनका स्वागत किया। इसके बाद चौक पर धोबिया और विविध लोकनृत्य और श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में डमरू वादन से स्वागत होगा।
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