काठमांडूः नेपाल की प्रचंड सरकार में शामिल सीपीएन(यूएमएल) कोटे के सभी आठ मंत्रियों ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया। इन मंत्रियों ने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ को अपना इस्तीफा सौंपा। इसके साथ ही सीपीएन (यूएमएल) ने प्रचंड सरकार से अपना समर्थन भी वापस ले लिया। सीपीएन (यूएमएल) के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली की मौजूदगी में सुबह पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों की हुई बैठक में प्रचंड सरकार से अलग होने का फैसला लिया गया था।
इसके बाद पार्टी कोटे के सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर प्रधानमंत्री एवं सीपीएन (एमसी) के अध्यक्ष प्रचंड के मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस से हाथ मिलाने के बाद सीपीएन (यूएमएल) को यह फैसला लेना पड़ा। सीपीएन (यूएमएल) के उपाध्यक्ष विष्णु पौडेल ने कहा कि पार्टी ने सरकार से हटने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि पार्टी कोटे के सभी मंत्रियों ने प्रधानमंत्री प्रचंड को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। प्रचंड की सीपीएन(एमसी) ने राष्ट्रपति पद के नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार रामचंद्र पौडेल का समर्थन करने का फैसला लिया था।
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इस मुद्दे को लेकर ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन(यूएमएल) नाखुश थी। ओली ने 09 मार्च के राष्ट्रपति चुनाव तक प्रतीक्षा करने के अपने पहले के फैसले को बदलते हुए प्रचंड सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। एक दिन पहले प्रधानमंत्री प्रचंड ने विदेश मंत्री विमला राय पौडयाल को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 52वें सत्र में भाग लेने से रोका था। इसके तुरंत बाद सीपीएन (यूएमएल) को सरकार से बाहर आने का फैसला लेना पड़ा। इससे पहले आरपीपी ने प्रचंड सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। नेपाल के संविधान के मुताबिक प्रचंड सरकार को 30 दिनों के भीतर प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल करना होगा।
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