ड्रैगन ने नेपाल के पांच जिलों की जमीन पर जमाया कब्जा, रिपोर्ट पर नेपाल ने साधी चुप्पी

काठमांडूः पड़ोसी देशों की सीमाओं पर अतिक्रमण की साजिश करने वाले चीन ने नेपाल के पांच जिलों की जमीन पर कब्जा कर लिया है, लेकिन नेपाल ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है। रिपोर्ट के अनुसार चीन ने नेपाल के सीमावर्ती हुमला, गोरखा, दोलखा व सिंधूपालचौक समेत पांच जिलों में अतिक्रमण किया है।

नेपाल सरकार ने पिछले साल सितंबर में हुमला के उत्तरी हिस्से में स्थित नेपाल-चीन सीमा के संबंध में अध्ययन के लिए गृह सचिव के नेतृत्व में सात सदस्यीय समिति बनाई थी। सूत्रों के अनुसार समिति ने अंतिम रिपोर्ट सौंप दी है, लेकिन गृह मंत्रालय ने उसे रोक दिया, क्योंकि चीन की तरफ से इस मसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

समिति सदस्य जयनंदन आचार्य कहते हैं कि रिपोर्ट में हमने क्षेत्र के भौगोलिक व सामाजिक-सांस्कृतिक मुद्दों और वहां निर्मित भौतिक ढांचों को शामिल किया है। इसमें हमने स्थानीय लोगों से हुए संवाद का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि मौके पर तारबंदी और पिलर मिले, लेकिन हमें नहीं पता कि वास्तव में उन्हें किसने लगाया है। हमने दोनों देशों की संयुक्त निरीक्षण समिति गठित करने और मसले का कूटनीतिक माध्यम से हल निकालने की सलाह दी है।

नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने हुमला के मुख्य जिला अधिकारी (सीडीओ) को मामले का अध्ययन करके रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। वह रिपोर्ट अबतक सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन नेपाली समाचार पत्रों ने सीडीओ के हवाले से खबर प्रकाशित की थी। इसमें सीडीओ ने कहा था कि ऐसा लगता है कि निर्माण चीनी सीमा के एक किलोमीटर भीतर किए गए हैं। नेपाली कांग्रेस ने इसका विरोध किया था। पार्टी ने संसद में एक प्रस्ताव रखा था, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री ओली को बातचीत के जरिये अतिक्रमित क्षेत्र को वापस अपनी सीमा में शामिल करना चाहिए।