NEET Paper Leak Case, रांचीः NEET (UG) पेपर लीक मामले के तार झारखंड के हजारीबाग, रांची और देवघर से भी जुड़ गए हैं। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओयू) ने शनिवार को इस मामले में छह लोगों को देवघर शहर से हिरासत में लिया। ये सभी बिहार के नालंदा के रहने वाले हैं, जो देवघर में किराए के मकान में छिपे हुए थे।
रांची और हजारीबाग से संचालित हो रहा सॉल्वर गिरोह
बिहार पुलिस की टीम ने हजारीबाग में नीट (यूजी) के लिए बनाए गए परीक्षा केंद्रों की भी जांच की है। बताया जा रहा है कि लीक पेपर का सॉल्वर गिरोह रांची और हजारीबाग से संचालित हो रहा था। देवघर शहर से हिरासत में लिए गए लोगों में सिंटू नाम का युवक भी शामिल है। उसके साथ पांच अन्य लोग पिछले कुछ दिनों से मजदूरी के तौर पर यहां रह रहे थे। बिहार ईओयू की टीम इनसे पूछताछ कर रही है। फिलहाल पेपर लीक में इनकी भूमिका के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
रांची में ठेकेदारी का काम करता था सिकंदर यादवेंदु
ईओयू की अब तक की जांच में पेपर लीक का मास्टरमाइंड बताया गया सिकंदर यादवेंदु नामक व्यक्ति लंबे समय से रांची में ठेकेदारी का काम करता था। वह रांची स्थित मेडिकल कॉलेज रिम्स के एक कॉटेज में अनाधिकृत रूप से रहता था। उसने रिम्स में ठेके पर छोटे-मोटे रख-रखाव व मरम्मत का काम भी कराया था। उसने कुछ डिप्लोमा कोर्स भी किया था और बाद में किसी तरह बिहार के दानापुर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर के पद पर बहाल हो गया, लेकिन रांची में उसका कनेक्शन बरकरार रहा।
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WhatsApp नंबरों पर भेजा जाता था पेपर
सूत्रों के अनुसार सिकंदर ने रांची और हजारीबाग में सॉल्वर गैंग का नेटवर्क बनाया था। इस गिरोह के लोग लीक हुए पेपर को सॉल्व कर WhatsApp पर भेजते थे और इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों को उत्तर याद करा दिए जाते थे। बताया जा रहा है कि जिन WhatsApp नंबरों से पेपर और उनके उत्तरों का आदान-प्रदान हुआ, उनके सिम कार्ड फर्जी नामों से खरीदे गए थे। काम पूरा होने के बाद सभी सिम कार्ड नष्ट कर दिए जाते थे।