प्रदेश उत्तर प्रदेश

कुशीनगर में नारायणी नदी उफान पर, तीन बांधों पर बढ़ रहा दबाव

HS - 2021-06-15T183655.444

कुशीनगरः कुशीनगर की नारायणी नदी नेपाल के बाल्मीकीनगर बैराज से छोड़े गए पानी के डिस्चार्ज व समय पूर्व बरस रहे मानसून के कारण उफान पर आ गई है। जिससे नदी के तीन बांधों पर दबाव बढ़ गया है। वाल्मीकि नगर बैराज से अचानक डिस्चार्ज में वृद्धि हो गई। 47 हजार क्यूसेक की अपेक्षा मंगलवार को दोपहर डिस्चार्ज 1.52 लाख क्यूसेक हो गया। यह पानी बुधवार को देर सबेर एपी बांध व नरवाजोत एक्सेंटशन बांध पर पहुंच जाएगा। इससे नदी के जलस्तर में भी तेजी से वृद्धि होगी तथा बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा। नदी में डिस्चार्ज के वृद्धि की खबर से बांध के किनारे बसे गांवों के ग्रामीणों में दहशत है। सिंचाई विभाग खतरे से अंजान व लापरवाह बना हुआ है।

बांध को कटान से बचाने के लिए एपी बांध के किमी 13.500 से किमी 14.000 तक बाघाचौर गांव के सामने पत्थर से कराए जा रहा रिवेटमेंट का कार्य अभी तक पूरा नहीं हो सका है। हालांकि पूर्व में ही विभाग ने खतरनाक स्थिति की आशंका को भांपकर शासन को परियोजना के तहत कार्य कराने के लिए प्रस्ताव भेजा था। जिसकी मंजूरी भी शासन स्तर से मिल गई और धन भी आवंटित हो गया। बावजूद इसके विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि अभी कार्य फाइनल नही हुआ है और नदी ने कमजोर प्वाइंटों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। प्रस्तावित परियोजना पूरा न होने ग्रामीणों का मानना है कि डिस्चार्ज बढ़ा तो फिर बांध को बचा पाना मुश्किल होगा। ग्रामीण हरिकेश सिंह, अशोक सिंह, नागेंद्र नाथ सिंह का कहना है नारायणी नदी बांध के किमी जीरों से किमी 17 अहिरौलीदान तक बांध पर दबाव बना हुआ है। नरवाजोत एक्सटेंशन बांध पर भी स्थिति संवेदनशील बनी हुई है।

यह भी पढ़ेंःसीएम योगी बोले-दृढ़ इच्छाशक्ति और सामूहिक प्रयास से किये गये कार्य में अवश्य मिलती है सफलता

अमवाखास बांध पर भी खतरा नारायणी नदी में पानी के डिस्चार्ज में बढ़ोतरी से जर्जर अमवाखास बांध के बरवापट्टी रिंग बांध को बचाने के लिए 800 व किमी वन पर पर बने स्पर पर दबाव बढ़ गया है। लक्ष्मीपुर के किमी 8.600 से लेकर किमी 900 तक दबाव के बावजूद विभाग को कोई खतरा नहीं दिख रहा। किमी 8.600 पर परियोजना कार्य में बोरी से बेस बनाया जा रहा था, लेकिन कार्य पूर्ण नहीं हो पाया। पानी के डिस्चार्ज में और बढ़ोतरी होती है तो अमवाखास बांध के जर्जर हो चले स्परों को बचा पाना मुश्किल हो जाएगा, जिसको लेकर बांध के किनारे बसे गांव के लोगों की चिंता बढ़ गई है। बाढ़ खंड के एक्सइएन एमके सिंह ने कहा कि बांध पूरी तरह सुरक्षित है। बचाव कार्य जारी है। बांध पूरी तरह सुरक्षित है।